महोबा में जैव विविधता संरक्षण एवं संवर्धन संगोष्ठी

25 जनवरी 2014 उत्तर प्रदेश बुन्देलखण्डद्ध के महोबा जनपद में जैव विविधता के संरक्षण एवं संब़र्द्धन विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया जाना तय हुआ है।

27 जनवरी 2014 को आयोजित संगोष्ठी में बुन्देलखण्ड के विभिन्न जनपदों] प्रान्तों से विषय विशेषज्ञों को आंमत्रित कर संगोष्ठी को परिणाम मूलक बनाने के प्रयास किये जा रहे है। संगोष्ठी में चर्चा के प्रमुख विषयों में धरती जलवायु एवं वनस्पति,जीव.जन्तु जानवर और मनुष्य को केन्द्रित किया गया है। इसमें प्रतिभागिता के लिए भी विविधता को महत्व दिया है। जिसमें प्रमुख रूप से इस इलाके के संकट को परास्त करने वाले अपना तालाब अभियान के किसानों,विषय से जुड़े छात्र,शिक्षकों,विभागों, पर्यावरण एवं विधि विशेषज्ञों को भी आंमत्रित किया गया है। जनपद महोबा के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रायोजित होने वाली संगोष्ठी का आयोजन महोबा वन प्रभाग के द्वारा किया जा रहा है। 25 अगस्त 2013 को सम्पन्न अपना तालाब अभियान संगोष्ठी के आयोजन समिति में महोबा वन प्रभाग महोबा भी सम्मिलित रहा है।

संगोष्ठी को दो सत्रों में रखा गया है पहले सत्र की अध्यक्षता श्री अनुज कुमार झा जिलाधिकारी महोबा करेगें। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अंशू शिवहरे होंगी।

सत्र शुभारम्भ को विषय वस्तु से भावनात्मक जुड़ाव बना सके इसके लिए महत्वपूर्ण पदार्थ मिट्टी और जल की पूजा को महत्व दिया जाना तय हुआ है। वनस्पति और पेड़-पौधों को भी इसमें शामिल किया गया है। अन्न,अग्नि का भी स्थान सुनिश्चित रहेगा ।

इस कार्यक्रम की रोचकता के लिए माटी का घड़ा,परैया,दीपक को तरह-तरह से विषय वस्तु के अनुरूप छात्रायें खुशी और रूनझुन स्वरूप प्रदान कर रही है। जिनका मार्गदर्शन पंकज नीलम बागवान कर रहे है। संगोष्ठी के विषयवस्तु प्रस्तावना के लिए श्री रामेश्वर तिवारी,ए.डी.एम.यू अधिकारी जायका परियोजना महोबा को दायित्व मिला है।संगोष्ठी में चर्चा में प्रमुख विषय पदार्थावस्था़,प्राणावस्था,जीवावस्था के अन्तर्निहित होंगें । जिनके लिए अलग-अलग विषयों के विषय बुलाए गये है।

जैव विविधता संरक्षण सम्बर्द्धन और जेल विषय की व्यवहारिक व्याख्या के लिए डा.रामभरत सिंह तोमर प्राचार्य राजीव गांधी डी.ए.वी.डिग्री कालेज बांदा और अपना तालाब अभियान समिति महोबा के संयोजक श्री पुष्पेन्द्र भाई को आंमत्रित किया गया है। जैव विविधता संरक्षण और वनस्पतियां तथा वन के विषय विशेषज्ञ भी आंमत्रित है। डा.पी.के.सिंह प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञाऩ, पंडित जवाहर लाल नेहरू महाविद्यालय बांदा और डा. आर.एस. चैरसिया (नेशनल बाटनी रिसर्च इस्टीयूट) व्याख्यान करेगें । संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं को भी आंमत्रित किया गया है। जिनके लिये जैव विविधता संरक्षण की शिक्षा परख लघु फिल्मों की सुनिश्चित है।

द्वितीय सत्र की अध्यक्षता के लिए स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्री वासुदेव चैरसिया को विशेष रूप से आंमत्रित किया है। इस सत्र का शुभारम्भ जैव विविधता संरक्षण और हमारे धर्म शास्त्र विषय से होगा। विषय पर तीन विद्वानो को बुलाया गया है। बुन्देलखण्ड सघन ग्रामीण विकास संस्थान झांसी एवं उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी महोबा से श्री वी.के.सचान जैविक कृषि पर शोध प्रस्तुत करेगें। कृषि वानिकी पर वन विभाग के अवकाश प्राप्त एस.डी.ओ. एवं एन.टी.एफ.पी.विशेषज्ञ श्री रामअवध यादव अनुभव रखेगें। तथा औषधीय कृषि के महत्व को आर्गनिक इण्डिया के डी.जी.एम., डा.वी.एन.सिंह बताएगें। जैव विविधता और जीव-जगत विषय के लिए विद्वान प्रवक्ता डा.उमाशंकर त्रिपाठी प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग वीर भूमि राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय महोबा आयेगें।

संगोष्ठी को परिणाम मूलक बनाने की दूरदृष्टि पर भी योजना बनाई गई है। इसके लिए स्वैच्छिक संगठनो के प्रमुख प्रतिनिधियों को भी आंमत्रित कर बुलाया गया है। ग्रामोन्नति संस्थान महोबा के निदेशक डा.अरविन्द खरे,मातृभूमि विकास संस्थान लखनऊ के श्री पंकज बागवान प्रमुख होगें। शैक्षणिक संस्थानों में से रामश्री महाविद्यायल महोबा के प्राचार्य डा.रितुराज सिंह गौतम, श्री शिवकुमार गोस्वामी,अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य,डी.ए.वी.इण्टर कालेज महोबा प्रतिभाग करेगें। जो छात्र छात्राओं तक जैव विविधता के संरक्षण सम्बर्द्धन सम्यक अनुभवों को रख सकेगें। इस संगोष्ठी में अपना तालाब अभियान समिति के द्वारा सफल प्रयोगों की प्रदर्शनी लगाये जाने की जरूरत को भी महशूस किया गया है। साथ मे औषधीय पौधों,उनके प्रयोगों,फायदों से सन्दर्भित प्रदर्शनी के लिए ग्रामोन्नति संस्थान को चिट्ठी भेजी गयी है।

इसमें जनपद के सभी विभागों,प्रमुख किसानों,जायका परियोजना की समितियों,वनविभाग के सभी प्रमुख अधिकारियों,कर्मचारियों,नगर के प्रमुख विद्यालयों,नागरिकों, राजनैतिक विधा के प्रमुख व्यक्तियों को आंमत्रित किया गया है। इस संगोष्ठी की एक और कड़ी के रूप देख रहे है पर्यावरणविद ।

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Post By: pankajbagwan
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