• मध्यप्रदेश में समग्र स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत 3311313 शौचालयों (गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों के लिए) का निर्माण किया जाना था पर बने केवल 669320 यानी 20.21 प्रतिशत।
• लक्ष्य यह था कि 56583 स्कूलों में स्वच्छ शौचालयों की व्यवस्था की जायेगी पर अब तक 20974 स्कूलों में यह व्यवस्था नहीं हो पाई।
• राज्य के 50263 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से केवल 11627 केन्द्रों में छोटे बच्चों के लिये शौचालय की व्यवस्था है। अभियान में 6923 केन्द्रों में शौचालय बनाने का लक्ष्य तय किया गया था किन्तु बने सिर्फ 2309 केन्द्रों में।
• समग्र स्वच्छता अभियान के लिये मध्यप्रदेश को 422.55 करोड़ रूपये आवंटित हुये हैं जिसमें से 137.16 करोड़ रूपये ही खर्च हो पाये हैं।
• मध्यप्रदेश के कुल स्कूलों में से केवल 19.51 प्रतिशत स्कूलों में लड़कियों के लिये शौचालय हैं।
• मध्यप्रदेश के कुल स्कूलों में से केवल 30.47 स्कूलों में साझा शौचालय हैं।
• देश में होने वाले तमाम मलेरिया प्रकरणों में से 24 प्रतिशत प्रकरण मध्यप्रदेश में दर्ज होते हैं। इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के 40 प्रतिशत प्रकरण मध्यप्रदेश में ही दर्ज होते हैं।
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