मार्ग महीना माहिं जो, जेष्ठा तपै न मूर।
तो इमि बोलै भड्डरी, निपटै सातो तूर।।
भावार्थ- यदि अगहन मास में न ज्येष्ठा नक्षत्र तपे और नही मूल नक्षत्र, तो सातों प्रकार के अन्न पैदा होंगे, ऐसा भड्डरी का मानना है।
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