माघ महीना बोइये झार।
फिर राखौ रब्बी की डार।।
शब्दार्थ- झार-झाड़ – बुहारकर।
भावार्थ- माघ मास तक उड़द के बीज चुनकर रखो। फिर खेत को रबी की फसल के लिए जोत कर तैयार करो।
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