रांची की लाइफ लाइन हरमू नदी का चीरहरण पहले तो किनारे बसे लोगों ने किया फिर जमीन दलालों ने ऐसी लूट मचायी कि नदी की पहचान भी मिटी और लोग धोखा भी खाते गए। प्रशासन द्वारा गंगानगर और विद्यानगर क्षेत्र में दूसर दिन बुधवार को हरमू नदी की युद्धस्तर पर हुई मापी के दौरान एसे मामलों का खुलासा हुआ। मापी में महज आधा किलोमीटर क्षेत्र में हरमू नदी के पेट में 45 से भी अधिक मकान बनने के भी निशान मिले।
जहां-जहां मापी हो रही थी, वहां-वहां लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती थी। गंगानगर के 80 नंबर प्लॉट में गैरमजरुआ भूमि पर अतिक्रमण के चिह्न मिले, जो नदी के किनारे सटा हुआ है। उसे संबद्ध क्षेत्र के अंचल कर्मचारियों ने सूचीबद्ध कर लिया है। उपायुक्त राजीव अरुण एक्का और सदर एसडीएम मनोज कुमार के निर्देश पर अंचल कर्मचारी नदी की एक्युरट मापी के साथ अतिक्रमण करने वालों के नाम के साथ सूची बना रहे हैं।
बुधवार को हुई मापी में कांके के सीओ दीपक कुमार रांची, कांके और रातू के सीआइ अनिल कुमार, प्रदीप कुमार और राजीव रंजन के साथ पूरी कार्रवाई में शामिल रहे। कर्मचारी गोर्व्द्धान बैठा, संतोष मंडल और अमीन बुरू लोहार, कपिल राम आदि ने मापी की। कांके सीओ दीपक कुमार ने बताया कि मापी के दौरान हरमू नदी की न्यूनतम चौड़ाई 100 फीट मिली है, जबकि अब तक अधिकतम चौड़ाई 180 फीट तक मिली है। इस तरह नदी की चौड़ाई के परिप्रेक्ष्य में बेहिसाब अतिक्रमण के प्रमाण मिल रहे हैं। नदी की मापी 1932 के नक्शे के आधार पर बहुत वर्षों बाद हो रही है।
रांची। मापी के दौरान पाया गया कि कहीं-कहीं तो पूरा का पूरा मकान हरमू नदी में बना हुआ है। कम से कम 36 एसे मकान चिह्नित किए गए, जिनमें किसी का आंगन तो किसी का अहाता, किसी की चाहरœदीवारी तो किसी मकान का आधा भाग नदी को अतिक्रमण कर बनाया गया है। लैट्रिन की कई टंकियां सीधे नदी में बनाई हुई मिलीं। विद्यानगर के भट्ठा मुहल्ला में शौचालय की एसी चार टंकियां सीधे हरमू नदी में बनी हुई चिह्नित की गई, जिनकी गंदगी सीधे नदी में गिरती है।
रांची। नदी मापी के दौरान अतिक्रमण के आरोपी बने लोगों का अपना रोना है। कोई हाथ जोड़कर तो कोई रोते-गिड़गिड़ाते सामने आकर जमीन खरीदने और मकान बनाने की जैसी कहानी बयान करता था, उससे दलालों के कमाल का ही पता चला। नदी क्षेत्र की जमीन को दलालों ने लोगों को ठग कर सादे पेपर पर एग्रीमेंट के आधार पर बेच दिया। रजीस्ट्री भी नहीं कराई न मुआवजा फिक्स कराया। दलालों ने पैसा लेकर मकान तो बनवा दिया, लेकिन अब कोई सामने नहीं आ रहा है।
मापी के दौरान उमड़ी भीड़
जहां-जहां मापी हो रही थी, वहां-वहां लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती थी। गंगानगर के 80 नंबर प्लॉट में गैरमजरुआ भूमि पर अतिक्रमण के चिह्न मिले, जो नदी के किनारे सटा हुआ है। उसे संबद्ध क्षेत्र के अंचल कर्मचारियों ने सूचीबद्ध कर लिया है। उपायुक्त राजीव अरुण एक्का और सदर एसडीएम मनोज कुमार के निर्देश पर अंचल कर्मचारी नदी की एक्युरट मापी के साथ अतिक्रमण करने वालों के नाम के साथ सूची बना रहे हैं।
जुटा है प्रशासनिक अमला
बुधवार को हुई मापी में कांके के सीओ दीपक कुमार रांची, कांके और रातू के सीआइ अनिल कुमार, प्रदीप कुमार और राजीव रंजन के साथ पूरी कार्रवाई में शामिल रहे। कर्मचारी गोर्व्द्धान बैठा, संतोष मंडल और अमीन बुरू लोहार, कपिल राम आदि ने मापी की। कांके सीओ दीपक कुमार ने बताया कि मापी के दौरान हरमू नदी की न्यूनतम चौड़ाई 100 फीट मिली है, जबकि अब तक अधिकतम चौड़ाई 180 फीट तक मिली है। इस तरह नदी की चौड़ाई के परिप्रेक्ष्य में बेहिसाब अतिक्रमण के प्रमाण मिल रहे हैं। नदी की मापी 1932 के नक्शे के आधार पर बहुत वर्षों बाद हो रही है।
अतिक्रमण हटाने की कार्य योजना तैयार
रांची एसडीएम मनोज कुमार ने बताया कि प्रथम चरण में नदी की एक्युरट मापी और युद्ध स्तर पर सभी क्षेत्रों में अतिक्रमण चिह्नित करने के उपरांत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई एक साथ शुरू की जाएगी। इसके लिए पूरी कार्य योजना तैयार कर ली गई है। नदी के सर्वे के लिए अमीनों और कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। मापी के साथ ही चिह्नित अतिक्रमित निर्माण को हटाने के लिए तैयार कार्य योजना के तहत पहले अस्थायी निर्माण हटाए जाएंगे, इसके बाद स्थायी कच्चे निर्माण और कंक्रीट के पक्के निर्माण ढाहने की योजना है।शौचालय की टंकी तक बना दी है नदी में
रांची। मापी के दौरान पाया गया कि कहीं-कहीं तो पूरा का पूरा मकान हरमू नदी में बना हुआ है। कम से कम 36 एसे मकान चिह्नित किए गए, जिनमें किसी का आंगन तो किसी का अहाता, किसी की चाहरœदीवारी तो किसी मकान का आधा भाग नदी को अतिक्रमण कर बनाया गया है। लैट्रिन की कई टंकियां सीधे नदी में बनाई हुई मिलीं। विद्यानगर के भट्ठा मुहल्ला में शौचालय की एसी चार टंकियां सीधे हरमू नदी में बनी हुई चिह्नित की गई, जिनकी गंदगी सीधे नदी में गिरती है।
दलालों ने किया है कमाल
रांची। नदी मापी के दौरान अतिक्रमण के आरोपी बने लोगों का अपना रोना है। कोई हाथ जोड़कर तो कोई रोते-गिड़गिड़ाते सामने आकर जमीन खरीदने और मकान बनाने की जैसी कहानी बयान करता था, उससे दलालों के कमाल का ही पता चला। नदी क्षेत्र की जमीन को दलालों ने लोगों को ठग कर सादे पेपर पर एग्रीमेंट के आधार पर बेच दिया। रजीस्ट्री भी नहीं कराई न मुआवजा फिक्स कराया। दलालों ने पैसा लेकर मकान तो बनवा दिया, लेकिन अब कोई सामने नहीं आ रहा है।
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