खुश करें धरती को

पृथ्वी दिवस या अर्थ डे एक दिन मनाने की चीज नहीं है। इसका ख्याल आप रोज रखें।
.ज्वालामुखी, भूकम्प, बाढ़...आदि को प्राकृतिक आपदाएँ कहा जाता है लेकिन इन आपदाओं के पीछे छिपे अर्थ को खोजने की कोशिश की जाए तो यह धरती का दर्द है। कभी वो ज्वालामुखी के रूप में अपना गुस्सा जताकर कहती है कि और कितना दोहन करोगे? तो कभी भूकम्प के जरिए बताती है कि अब दर्द से मेरी छाती फट रही है और कभी बाढ़ के रूप में रोती है कि अब पानी सिर के ऊपर से गुजर रहा है और मुझसे सहा नहीं जा रहा...। धरती विभिन्न माध्यमों से अपने दर्द बयाँ करने की कोशिश करती है लेकिन हम इसे प्राकृतिक आपदा कहकर टाल देते हैं। प्राकृतिक आपदाओं से निपटकर फिर से हम अपनी नई जिन्दगी शुरू कर देते हैं और धरती फिर से हमारे दिए जा रहे जख्मों को सहन करने लगती है। वह तब तक सहती है, जब तक अति नहीं हो जाती और एक दिन वह इन्हीं में से किसी एक माध्यम के जरिए फिर से आवाज उठाती है। यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा यह कब तक चलेगा? क्या हम यूँ ही धरती को दर्द देते रहेंगे...कहीं ऐसा न हो हमारी वजह से उसकी साँसें ही रुक जाएँ?

22 अप्रैल को एक बार फिर हम पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। बहुत से लोग अभियान चलाएँगे, सेमीनार होंगे और अप्रैल महीना खत्म होते-होते फिर सब बातें हवा हो जाएँगी। यह सब जानते हैं कि औद्योगिकीकरण, प्रदूषण, बढ़ती जनसंख्या के कारण पृथ्वी को नुकसान हो रहा है लेकिन फिर भी हम सिर्फ एक दिन ही इसके बारे में क्यों सोचते हैं? हम हर दिन पृथ्वी को बचाने के लिये कुछ क्यों नहीं करते? जरूरी नहीं कि इसके लिये अभियान ही चलाए जाएँ। हम खुद अपने स्तर पर भी तो धरती को बचाने में सहयोग कर सकते हैं। बस, जरूरत है तो एक सोच की और उस सोच को आगे तक ले जाने की...।

हर पल बचाएँ बिजली


यदि आप दो सेकेंड भी बिजली बचाते हैं तो आप ऊर्जा बचाने में काफी सहयोग दे सकते हैं। अक्सर घरों में लाइट, पंखे, कूलर, एसी चलते रहते हैं। थोड़ा-सा सजग रहें और बेवजह इन्हें न चलने दें। जब भी कमरे से बाहर निकलें, सभी स्विच बन्द कर दें।

वाहन का रखें खयाल


खराब वाहन पर्यावरण को दुरूस्त वाहन की तुलना में चार गुना ज्यादा नुकसान पहुँचता है। हमेशा अपने वाहन के दुरूस्त रखें। समय-समय पर सर्विसिंग कराएँ। चालान से बचने के लिये नहीं, पर्यावरण के लिये पॉल्यूशन फ्री सर्टिफिकेट लें।

एक दिन करें कार/बाइक की छुट्टी


सप्ताह में एक बार पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें और अपनी कार/बाइक को छुट्टी दे दें। आपका ऑफिस वॉकिंग डिस्टेंस पर है तो एक दिन पैदल ही चले जाएँ। ऐसा यदि हर व्यक्ति करें तो काफी मात्रा मेंं ईंधन बचाया जा सकता है।

दो दिन कारपूल


कारपूल की अवधारणा काफी अच्छी है लेकिन लोग अपनी थोड़ी-सी सहूलियत को देखकर इसे नकार देते हैं। यदि आप रोज ऐसा नहीं कर सकते तो कम-से-कम सप्ताह में दो दिन कारपूल करें और अपने साथियों को लेते हुए या उनके साथ ऑफिस जाएँ।

शॉवर नहीं, बाल्टी से नहाएँ


शॉवर से नहाने का मजा ही कुछ और है लेकिन हमारा यह आनन्द काफी मात्रा में पानी का अपव्यय करता है। ऐसे में जितना हो सके, शॉवर का प्रयोग न करें। इसके बदले बाल्टी भरकर नहाएँ।

शैम्पू/ब्रश सम्भलकर


शैम्पू करते समय अक्सर हम पानी का ध्यान नहीं रखते। शॉवर या नल के नीचे बाल धोने की बजाय बाल्टी भरकर सिर धोएँ। बार-बार शैम्पू न करें। टूथ ब्रश करते वक्त नल बन्द रखें।

समझदारी से धोएँ बर्तन


रसोई में काम करने के दौरान पानी का दुरुपयोग काफी हो जाता है, खासकर बर्तन धोते समय। पहले जूठन धोने में और फिर बहुत सारा झाग बनाकर धोने में पानी बहुत खराब होता है। एक परात में पानी भरकर जूठन धोएँ और कोशिश करें बरतन धोने का साबुन कम-से-कम लगाएँ। कई घरों में डिटर्जेंट और कपड़े धोने के साबुन से बरतन धोए जाते हैं। ऐसा न करें, पानी ज्यादा खर्च होता है।

बगिया में डालें सीमित पानी


बहुत से लोग हरियाली पसन्द करते हैं। इसके लिये वे घरों में बगीचा लगाते हैं लेकिन अक्सर लोग बेवजह बगिया में पानी डालते रहते हैं। पौधों और लॉन में उतना ही पानी डालें, जितनी जरूरत हो।

री-यूजेबल शॉपिंग बैग्स का करें प्रयोग


प्लास्टिक बैग्स पर प्रतिबन्ध की चर्चा कई बार होती है लेकिन फिर बाजार में ये दिख ही जाते हैं। ऐसे में आप अपने स्तर पर समझदारी दिखाएँ। घर से कपड़े के बैग लेकर जाएँ या फिर री-यूजेबल शॉपिंग बैग्स का प्रयोग करें।

समय पर बदलें बिजली के उपकरण


पुरानी लाइट्स से बिजली की खपत ज्यादा होती है, इसलिये समय रहते इन्हें बदल लें। जहाँ तक सम्भव हो एलईडी लाइट्स का प्रयोग करें। पानी गर्म करने का हीटर, पुरानी गैस, पुरानी मिक्सी को समय रहते बदल लें।

सौर ऊर्जा से होगा फायदा


सौर ऊर्जा एक ऐसा माध्यम है, जिसका यदि हम सही इस्तेमाल करें तो ऊर्जा की काफी बचत हो सकती है। खाना बनाने, पानी गर्म करने में इसका काफी बेहतरी से उपयोग हो सकता है।

जंगल बचाने में करें सहयोग


जंगल पर्यावरण को बचाए रखने की सबसे अहम कड़ी है। जानवरों, पशु-पक्षियों का ध्यान रखें और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएँ। जंगल बचेंगे, तभी इंसान और धरती बचेगी।

पेपर नेपकिन का इस्तेमाल करें कम


शादियों, रेस्टोरेंट, होटल्स और घरों में आजकल पेपर नेपकिन का प्रयोग काफी होता है। यह सीधे तौर पर पेड़ों की कटाई को बढ़ाता है। ऐसे में कोशिश करें कि इनका प्रयोग कम-से-कम किया जाए।

प्यार से कर लें गिफ्ट पैक


आजकल स्टाइलिश गिफ्ट पैकिंग का चलन है। लोग महंगे से महंगे गिफ्ट देने के साथ-साथ इसको पैक भी महंगे रैप में करते हैं लेकिन पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले डिजाइनर गिफ्ट रैप पर्यावरण के लिये नुकसानदायक है, क्योंकि गिफ्ट खोलने के बाद इन्हें यूँ ही फेंक दिया जाता है। थोड़ी क्रिएटिविटी दिखाते हुए पुराने कैलेण्डर, मैप, न्यूजपेपर की मदद से गिफ्ट पैक करें और उन्हें सजा दें। यह आपके प्यार को भी दिखाएगा और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा।

ऑफिस में भी रखें ध्यान


ऑफिस एक ऐसी जगह हैं जहाँ आप आधे से ज्यादा समय रहते हैं। ऐसे में बहुत-सी बातों का ध्यान रखा जा सकता है। जैसे दोनों साइड प्रिंट लें, प्रिंटर में ईको फ्रेंडली कागज इस्तेमाल करें, सन्देश के लिये मेल का प्रयोग ज्यादा करें, एनवलप,फोल्डर,पेपर क्लिप को री-यूज करें। ऑफिस के वेस्ट पेपर को री-यूज करें।

सेकेंड हैंड प्रोडक्ट्स में नहीं बुराई


हम जब भी कुछ लेने की सोचते हैं, हमेशा नए के लिये ही सोचते हैं लेकिन सेकेंड हैंड प्रोडक्ट्स लेने में बुराई नहीं है। इससे हम नए की खपत को कम कर सकते हैं। गाड़ी, खिलौने, फ्रिज, वाशिंग मशीन, सिलाई मशीन आदि को सेकेंड हैंड खरीदा जा सकता है।

ऑनलाइन भरें बिल


इंटनेट के युग में अपने बिल ऑनलाइन भरें, इससे आप बहुत-सा कागज बचा सकते हैं। साथ ही सफर के लिये अपने टिकट भी ऑनलाइन बुक करें और इनका प्रिंट न लें।

फेंकिए नहीं, दान करिए


हमारे घरों में ऐसी कई वस्तुएँ बेकार हो जाती है, जिन्हें हम फेंक देते हैं लेकिन ऐसा करने से अच्छा है कि उन्हें हम दान कर दें। इससे किसी जरूरतमन्द की सहायता हो जाएगी और बेवजह का कचरा नहीं फैलेगा।

रीचार्जेबल बैटरी का करें प्रयोग


टीवी रिमोट, खिलौने, घड़ी आदि में लगने वाली बैटरी खत्म होने के बाद हम उसे फेंक देते हैं और यह पर्यावरण को काफी नुकसान पहुँचाती है। जहाँ तक सम्भव हो, रीचार्जेबल बैटरी का प्रयोग करें।

डाउनलोड कर लें सॉफ्टवेयर


कोशिश करें कि किसी सॉफ्टवेयर के लिये सीडी का प्रयोग कम हो। हो सके तो इसे डाउनलोड करें क्योंकि बेकार सीडी का कचरा वर्तमान में एक बड़ी समस्या है।

ध्वनि प्रदूषण को रोकें


गाड़ी में तेज म्यूजिक चलाना, पार्टियों में लाउडस्पीकर, घरों में होने वाले कार्यक्रमों में माइक का प्रयोग, बेवजह हॉर्न बजाना, ये सब ऐसी बातें हैं, जिन्हें हम अपने स्तर पर कम करके ध्वनि प्रदूषण रोक सकते हैं।

प्यूरीफायर के पानी को करें री-यूज


शुद्ध पानी के लिये आजकल हर घर में वॉटर प्यूरीफायर लगाया जाता है लेकिन इस वजह से काफी मात्रा में पानी बर्बाद होता है। अक्सर घरों में इस बचे हुए पानी को फेंक दिया जाता है। इस पानी को पेड़-पौधों में, सब्जी धोने में, पोंछा लगाने में प्रयोग लिया जा सकता है।

बच्चों को भी सिखाएँ


पर्यावरण को सुरक्षित रखना कितना अहम है, यह बात बच्चों को जरूर सिखाएँ। जब बच्चे घर से यह बात सीखेंगे तो आगे चलकर वे भी जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।

एटीएम पर भी रखें ध्यान


हर एटीएम पर ट्रांजिक्शन की रसीद और मिनी स्टेटमेंट देखने को मिल जाएँगे। क्या कभी आपने सोचा यह कितने कागजों की बर्बादी है? ट्रांजिक्शन रसीद न लें और कोशिश करें कि हर बार मिनी स्टेटमेंट न निकालें। बैंक में मोबाइल नम्बर रजिस्टर कराएँ, आपको अपने आप खाते सम्बन्धी जानकारी मिलती रहेगी।

डाइपर्स भी फैलाते हैं प्रदूषण


घरों में बच्चों को पहनाए जाने वाले डाइपर्स भी पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं। अच्छी क्वालिटी के चक्कर में ये डाइपर्स बायोडिग्रेडेबल नहीं होते। ऐसे में कोशिश करें कि घर में बच्चों को नेपी पहनाएँ या ऐसे डाइपर्स खरीदें, जो ईको फ्रैंडली हों।

EARTH


E - ईको फ्रेंडली बनें


पर्यावरण से जुड़े प्रोडक्ट्स का प्रयोग करके आप आसानी से ईको फ्रेंडली बन सकते हैं। आपकी जरा-सी समझदारी पृथ्वी को बचाने में बहुत बड़ा सहयोग दे सकती है।

A - अटैचमेंट रखें


जब आप किसी चीज से दिल से जुड़ते हैं तो अपने आप उसके लिये अच्छा सोचते हैं। पृथ्वी से भी दिल से लगाव रखिए आप स्वतः ही वहीं चीजें करेंगी, जो पृथ्वी को बचाने में सहायक हैं।

R - रीसाइकिल करें


बहुत कम लोग हैं, जो चीजों को रीसाइकिल करने का सोचते हैं। रोजमर्रा से जुड़ी ऐसी बहुत-सी चीज हैं, जिन्हें हम चाहें तो फेंकने की बजाय रीसाइकिल कर सकते हैं।

T - दुगेदर पॉसिबल


ऐसी कोई समस्या नहीं, जिससे मिलकर निपटा नहीं जा सकता। पृथ्वी को बहुत नुकसान हो चुका है लेकिन अब भी देर नहीं हुई है। हम चाहें तो इसे मिलकर बचा सकते हैं।

H - हैप्पीनेस फैलाएँ


पृथ्वी को आपसे बस थोड़ा-सा सहयोग चाहिए, उसके बाद आप खुद देखेंगे कि आपके आस-पास कितनी खुशियाँ हैं।

Path Alias

/articles/khausa-karaen-dharatai-kao

Post By: Hindi
×