कुही अमावस मूल बिन


कुही अमावस मूल बिन, बिन रोहिनि अखतीज।
स्रवन बिना हो स्रावनी, आधा उपजै बीज।।


शब्दार्थ- स्रावनी-सावन की पूर्णिमा।

भावार्थ- यदि अमावस मूल नक्षत्र में न पड़े, अक्षय तृतीया को रोहिणी न हो और श्रावण पूर्णिमा के दिन श्रवण नक्षत्र न पड़े तो बीज आधा उगेगा अर्थात् पैदावार कम होगी।

Path Alias

/articles/kauhai-amaavasa-mauula-baina

Post By: tridmin
×