घाघ और भड्डरी 24 Mar, 2010 . 1 min read Facebook Twitter SHARE साठी होवै साठवें दिना। जब दैव बरीसे रात दिना।।भावार्थ- जब पानी रात दिन बरसता रहे तब साठी धान केवल साठ दिनों में ही तैयार हो जाता है। Path Alias /articles/kataai-samabanadhai-kahaavataen Post By: tridmin Topic Sub Categories पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा Regions भारत Email Address View the discussion thread.