कर्म हीन नर खेती करै।
बरधा मरै कि सूखा परै।।
भावार्थ- जिस किसान का भाग्य खराब होगा वह यदि खेती करेगा तो या तो उसका बैल मर जायेगा या सूखा पड़ जायेगा।
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