कर्क संक्रमी मंगलवार। मकर संक्रमी सनिहि बिचार।
पंद्रह महुरतावरी होय। देस उजाड़ करै यों जोय।।
शब्दार्थ- मुहुरतवारी – मुहूर्त (दिन रात का 30वां भाग)
भावार्थ- यदि कर्क नक्षत्र की संक्रांति मंगल को पड़े और मकर की संक्रांति शनि को और वह पंद्रह मुहूर्त की हो तो ऐसा भीषण अकाल पड़ेगा की देश उजड़ जायेगा।
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