राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झज्जर नदी के प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। आयोग ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा दोनों सरकारों को नोटिस जारी किए हैं। मीडिया की एक खबर का संज्ञान लेते हुए आयोग ने यह कदम उठाया है। खबर में बताया गया था कि दो राज्यों में बहने वाली झज्जर नदी प्रदूषित जलस्रोत में बदल चुकी है। नतीजतन झज्जर के किनारे बसे पंजाब के मानसा जिले के 20 गांवों के भूजल का रंग नीले से काला हो गया है। दुर्गंध के कारण नदी के तट पर खड़ा हो पाना भी आसान नहीं।
खबर के मुताबिक नदी के प्रदूषण की वजह इसमें कारखानों से गिरने वाले प्रदूषित कचरा है। आयोग ने कहा है कि अगर खबर के तथ्य वाकई सही हैं तो यह नदी तट पर रहने वालों के प्रदूषण मुक्त वातावरण के अधिकार का हनन है। आयोग ने पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों से इस बारे में दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
खबर बताया गया था कि दोनों ही राज्यों की सरकारों ने इस अभिशाप से मुक्ति के लिए कोई पहल नहीं की है। अलबत्ता पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने यह कह कर जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया कि प्रदूषण हरियाणा से हो रहा है और पंजाब का कोई दोष नहीं है। अंतरराज्यीय मामला होने के कारण वे बेबस हैं।
खबर के मुताबिक नदी के प्रदूषण की वजह इसमें कारखानों से गिरने वाले प्रदूषित कचरा है। आयोग ने कहा है कि अगर खबर के तथ्य वाकई सही हैं तो यह नदी तट पर रहने वालों के प्रदूषण मुक्त वातावरण के अधिकार का हनन है। आयोग ने पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों से इस बारे में दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
खबर बताया गया था कि दोनों ही राज्यों की सरकारों ने इस अभिशाप से मुक्ति के लिए कोई पहल नहीं की है। अलबत्ता पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने यह कह कर जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया कि प्रदूषण हरियाणा से हो रहा है और पंजाब का कोई दोष नहीं है। अंतरराज्यीय मामला होने के कारण वे बेबस हैं।
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