जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से उत्तराखण्ड अन्य से बेहतर

उत्तराखण्ड
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देश के 12 हिमालयी राज्यों में उत्तराखण्ड जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से अधिकांश राज्यों से ज्यादा महफूज है।

जी हाँ! केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेंट चेंज (एनएपीसीसी) नेशनल मिशन फॉर सस्टेनिंग द हिमालयन इको सिस्टम (एनएमएसएचई) स्विट्जरलैण्ड की ओर से वित्त पोषित कार्यक्रम इंडियन हिमालयाज क्लाइमेट एडेप्टेशन प्रोग्राम (आईएसीएपी) इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बंगलुरु, आईआईटी गुवाहाटी व मंडी के संयुक्त अध्ययन क्लाइमेट वल्नरेबिलिटी असेसमेंट फॉर इण्डियन हिमालयन रीजन यूजिंग अ कॉमन फ्रेमवर्क के तहत जलवायु परिवर्तन से असुरक्षा को लेकर सूचकांक तैयार किया गया है। उसके तहत असम और मिजोरम को जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक खतरा है, जबकि उसके बाद जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय और पश्चिमी बंगाल का नम्बर है। इनके बाद नागालैण्ड, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड का नम्बर है। सिक्किम को इन 12 राज्यों में जलवायु परिवर्तन से सबसे कम खतरा है।

अध्ययन में राज्यों का जोखिम सूचकांक सामाजिक, आर्थिक, जन सांख्यिकीय स्थिति एवं स्वास्थ्य, कृषि उत्पादन, वनाधारित आजीविका और सूचना सेवाओं व सड़क, रेल व अन्य आधारभूत ढाँचे तक पहुँच जैसे चार मुख्य कारकों के आधार पर तैयार किया गया। हालांकि अध्ययन में यह भी साफ कहा गया है कि असुरक्षा एक सापेक्ष चीज है।

इसका मतलब यह है कि सूचकांक में सिक्किम, उत्तराखण्ड और अरुणाचल प्रदेश भले ही सबसे निचले पायदान पर हों लेकिन वहाँ जलवायु परिवर्तन के कारण कोई खतरा ही नहीं है, ऐसा नहीं कहा जा सकता। अध्ययन में पता चला कि कम प्रति व्यक्ति आय, कम सिंचित क्षेत्रफल व कम प्रति हजार परिवार, कम वन क्षेत्र वाले इलाकों में जलवायु परिवर्तन से अधिक खतरा है। बता दें कि हिमालयी क्षेत्र दुनिया की 20 फीसद आबादी को पानी, हवा आदि देता है। लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से अति संवदेनशील यह क्षेत्र दुनिया में जमे हुए पानी का तीसरा बड़ा स्रोत है। यह अध्ययन देश के लिये इसलिये भी अहम है क्योंकि देश की अधिकांश आबादी खेती व पीने के पानी के लिये हिमालयी नदियों पर निर्भर है।

आठ देशों की सीमाओं से लगा हिमालय दुनिया की सबसे ऊँची पर्वतमाला है। 43 लाख वर्ग किमी के इस क्षेत्र पर 1.5 बिलियन लोग निर्भर हैं। अध्ययन में स्पष्ट किया गया है कि भारत ही नहीं, पूरे भारतीय उपमहाद्वीप की पारिस्थितिकीय सुरक्षा हिमालय पर निर्भर है क्योंकि इसका मौसम तंत्र तक हिमालय पर निर्भर है।

1. 12 हिमालयी राज्यों में क्लाइमेंट चेंज वल्नरेबिलिटी इंडेक्स में उत्तराखण्ड का नौंवा नम्बर
2. जलवायु परिवर्तन से असम सबसे ज्यादा असुरक्षित जबकि सिक्किम सबसे अधिक सुरक्षित

 

प्रदेश

वल्नरेबिलिटी इंडेक्स में अंक

असम

0.72

मिजोरम

0.71

जम्मू-कश्मीर

0.62

मणिपुर

0.59

मेघालय, पं. बंगाल

0.58

नागालैण्ड

0.57

हिमाचल, त्रिपुरा

0.51

अरुणाचल

0.47

उत्तराखण्ड

0.45

सिक्किम

0.42

 


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