जल दिवस पर पानी बोओ पानी उगाओ अभियान के तहत बृहस्पतिवार को नगर पंचायत सभागार में महेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी हुई। तेजी से सूख रहे प्राकृतिक जल स्रोतों को लेकर गोष्ठी में चिंता जताई गई। अभियान के संयोजक मोहन कांडपाल ने कहा कि समय पर जागरूकता नहीं आई तो भविष्य में भीषण पेयजल संकट उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि नदी और जल स्रोतों को बचाने के लिए पिछले 30 वर्षों से काम कर रहे है, वर्तमान में चलो गांव की ओर अभियान चलाकर ब्लॉक के दर्जनों गावों में जल स्रोत और रिस्कन नदी को बचाने के लिए काम कर रहे हैं।
इस मुहिम में वह अब तक छोटे-बड़े हजारों चाल खाल रिस्कन नदी की पहाड़ियों के आसपास और गावों में बना चुके हैं। कांडपाल क्षेत्र की महिलाओं और युवाओं को साथ लेकर 40 किमी लंबी रिस्कन नदी को भी बचाने का प्रयास कर रहे हैं। द्वारा ग्रामीणों के साथ मिलकर नदी किनारे चौड़ी पत्ती के पेड़ लगाए जा रहे हैं। कांडपाल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत उच्चाधिकारियों को भी पत्र भेजकर रिस्कन नदी को बचाने के लिए धरातल में कार्य करने का निवेदन किया है।
कांडपाल ने कहा कि नदियों में प्लास्टिक कूड़ा नहीं डालने को लेकर शीघ्र पदयात्रा निकाली जाएगी। पहली पदयात्रा रिश्कन नदी तहत विमांडेश्वर से पैठानी तक बच्चों के साथ की जाएगी और दूसरी पदयात्रा द्वाराहाट के खिरोगाड़ नदी से की जाएगी। गोष्ठी में प्रकाश जोशी, कमल हर्बोला, गणेश भट्ट, गिरीश चौधरी, नीरज साह, विनोद पपने, नलिनी त्रिपाठी, भुवन कठायत, अनिल चौधरी, महेश चंद्र त्रिपाठी, गिरीश, यतीश जोशी आदि मौजूद रहे।
/articles/jalasaraota-aura-nadaiyaon-kao-bacaanaa-haai-tao-paanai-baoo-aura-paanai-ugaao