जागरण/चंडीगढ़-हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा से निपटने और मिट्टी व पानी के संरक्षण के लिए प्रदेश में हरियाली स्कीम लागू की गई है। हरियाली स्कीम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए प्रवक्ता ने बताया कि इस स्कीम के तहत बरसाती पानी को इकट्ठा करने के लिए गांव व बाहर के खेतों में तालाब बनाए जा रहे है, ताकि उस पानी से भूमि में गिरते हुए जल स्तर को उठाया जा सके। इसके साथ-साथ ये तालाब पशुओं को पानी पिलाने के लिए उपयोग में लाए जाएंगे।
इस स्कीम के तहत मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए रोहतक जिला में मेड़बंधी भी की जा रही है, जिन गांवों में मिट्टी के ऊंचे-ऊंचे टीले है। उन टीलों पर मेड़ बांध कर मिट्टी के कटाव को रोका जा रहा है। इन सब कामों के लिए एक सर्वे करवाया गया था जिसमें जिले के ऐसे गांव जहां पर बरानी जमीन (ऊबड़ खाबड़, कृषि के लिए अनुपयुक्त भूमि) अधिक है, उन्हे चुना गया था। जिले के ऐसे 36 गांव हरियाली स्कीम के तहत चुने गए है। इन गांवों में ऊबड़-खाबड़ व बंजर भूमि को उपयोग में लाने के लिए सरकार द्वारा पंचायत को आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रवक्ता ने बताया अब तक जिले की लगभग 1100 एकड़ से भी अधिक भूमि को इस स्कीम के तहत सुधारा जा चुका है।
इसके अंतर्गत लाखनमाजरा की 100 हेक्टेयर भूमि को सुधारने का काम पूर्ण हो चुका है। महम में 480 हेक्टेयर भूमि को सुधार दिया गया है। इसी श्रृंखला में कलानौर में 200 हेक्टेयर व ग्रामीण रोहतक में 50 हेक्टेयर भूमि पर जल संरक्षण व मिट्टी की कटाई रोकने तथा खराब भूमि को इस्तेमाल में लाने की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है।
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