विज्ञप्ति के मुताबिक इन प्रयासों से दिल्ली जल बोर्ड की कार्यशैली में सुधार होगा और अपने विभिन्न जन सहायता विभागों जैसे की वाटर एमरजेंसियों और क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों में अत्याधुनिक सेवाएं प्रदान करेगा। जल उपचार संयंत्रों, अवजल शोधन संयंत्रों और सीवेज पम्पिंग स्टेशनों आदि का निरीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि इन स्थानों पर निर्धारित कार्य मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। दिल्ली जल बोर्ड ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अधीन उड़नदस्तों का गठन किया है और ये दस्ते अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निर्देशों के अनुसार अपने काम करेंगे। हरेक दल में तीन सदस्य होंगे। इसमें दिल्ली जल बोर्ड के अभियांत्रिकी, राजस्व और लेखा विभागों के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी शामिल किए गए।
उड़नदस्ते का गठन जल और अवजल सेवाओं में दक्षता लाने के लिए, अपने विशाल उपभोक्ता आधार को सुविधा पहुंचाने के लिए समयबद्ध और सुसंगत तरीके से कदम उठाने के लिए किया गया है। दस्तों में प्रतिदिन बदलाव किया जाता है और सदस्यों को निरीक्षण स्थलों के बारे में अंतिम क्षण में जानकारी दी जाती है जिससे किसी भी प्रकार की पूर्व सूचना की संभावना से बचा जा सके। यह अपेक्षा है कि इससे मौजूदा शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को सुविधाजनक और संभव समाधान मिलेंगे। लगभग एक माह की अवधि के भीतर (25.4.2014 से 12.5.2014) उड़नदस्तों ने 25 में से 23 वाटर एमरजंसियों, 14 क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों और एक अवजल शोधन संयंत्र का निरीक्षण किया है।
विज्ञप्ति के मुताबिक इन प्रयासों से दिल्ली जल बोर्ड की कार्यशैली में सुधार होगा और अपने विभिन्न जन सहायता विभागों जैसे की वाटर एमरजेंसियों और क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों में अत्याधुनिक सेवाएं प्रदान करेगा। जल उपचार संयंत्रों, अवजल शोधन संयंत्रों और सीवेज पम्पिंग स्टेशनों आदि का निरीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि इन स्थानों पर निर्धारित कार्य मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं।
उड़नदस्ते पानी टैंकरों की गतिविधियों, पानी की आपूर्ति का समय, छलकन और रिसावों से बचाव, पानी की गुणवत्ता, शिकायतों का प्रबंधन आदि से संबंधित प्रक्रियाओं और निर्देशों के पालन का निरीक्षण करते हैं और इन मुद्दों पर जरूरी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उपलब्ध कराते हैं। ये दस्ते उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए प्रणाली में गति और दक्षता लाने के लिए कार्यरत हैं और ये क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों में नाम परिवर्तन, पानी के नए कनेक्शन की मंजूरी, कनेक्शन हटाने आदि से संबंधित लंबित मामलों का निरीक्षण भी करते हैं।
हैल्प-यू काउंटरों में पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक जांच और निरीक्षण किया जाता है। उड़नदस्ते नकद समाधान की प्रक्रिया पर भी नियंत्रण रखते हैं जिससे कि दिल्ली जल बोर्ड की खाता प्राप्तियों का बेहतर प्रबंधन हो सके और दिल्ली जल बोर्ड के उपभोक्ताओं को भुगतान प्रक्रिया में आसानी हो सके।
सभी जन सहायता विभागों पर पर्याप्त कर्मचारियों की संख्या के पूरे उपयोग के लिए ये दल आकस्मिक दौरे भी करते हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी निर्धारित कर्मचारी संख्या के अनुसार मौजूद हैं। दिल्ली जल बोर्ड के प्रवक्ता के मुताबिक बोर्ड की ओर से किए गए इन प्रयासों को उपभोक्ता संतुष्टि को बढ़ाने और जमीनी स्तर पर इसकी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने की दिशा में किए जाते हैं।
इस बारे में दस्ते दैनिक आधार पर निरीक्षण करते हैं। ये दल टैकरों को सही मार्ग की आकस्मिक जांच करते हैं और एक निर्धारित बिंदु पर पानी की मात्रा की जांच करते हैं। वास्तव में ये दस्ते उपभोक्ताओं से बातचीत कर टैंकर सेवाओं के माध्यम से पानी की संतोषजनक प्राप्ति की जांचकर, एक पूरी लेखा परीक्षा करते हैं।
इस पूरी कवायद से विभिन्न मानकों जैसे कि टैंकर कार्यक्रमों का अनुपालन, टैंकर के नल/वाल्व/बॉडी आदि से छलकन का प्रबंधन, टैंकरों की सफाई, टैंकर चालकों का वैध लाइसेंस, पहचान दस्तावेजों, पेंट, नंबर प्लेट से संबंधित टैंकरों के उचित रखरखाव आदि विभिन्न मानकों पर संतोष के स्तर की जांच करते हैं। यह विशेष रूप से दिल्ली जल बोर्ड के ऐसे उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा जो पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं क्योंकि अब उन्हें युक्तियुक्त और समयबद्ध जल आपूर्ति मिलने की उम्मीद है।
उड़नदस्ते का गठन जल और अवजल सेवाओं में दक्षता लाने के लिए, अपने विशाल उपभोक्ता आधार को सुविधा पहुंचाने के लिए समयबद्ध और सुसंगत तरीके से कदम उठाने के लिए किया गया है। दस्तों में प्रतिदिन बदलाव किया जाता है और सदस्यों को निरीक्षण स्थलों के बारे में अंतिम क्षण में जानकारी दी जाती है जिससे किसी भी प्रकार की पूर्व सूचना की संभावना से बचा जा सके। यह अपेक्षा है कि इससे मौजूदा शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को सुविधाजनक और संभव समाधान मिलेंगे। लगभग एक माह की अवधि के भीतर (25.4.2014 से 12.5.2014) उड़नदस्तों ने 25 में से 23 वाटर एमरजंसियों, 14 क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों और एक अवजल शोधन संयंत्र का निरीक्षण किया है।
विज्ञप्ति के मुताबिक इन प्रयासों से दिल्ली जल बोर्ड की कार्यशैली में सुधार होगा और अपने विभिन्न जन सहायता विभागों जैसे की वाटर एमरजेंसियों और क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों में अत्याधुनिक सेवाएं प्रदान करेगा। जल उपचार संयंत्रों, अवजल शोधन संयंत्रों और सीवेज पम्पिंग स्टेशनों आदि का निरीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि इन स्थानों पर निर्धारित कार्य मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं।
उड़नदस्ते पानी टैंकरों की गतिविधियों, पानी की आपूर्ति का समय, छलकन और रिसावों से बचाव, पानी की गुणवत्ता, शिकायतों का प्रबंधन आदि से संबंधित प्रक्रियाओं और निर्देशों के पालन का निरीक्षण करते हैं और इन मुद्दों पर जरूरी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उपलब्ध कराते हैं। ये दस्ते उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए प्रणाली में गति और दक्षता लाने के लिए कार्यरत हैं और ये क्षेत्रीय राजस्व कार्यालयों में नाम परिवर्तन, पानी के नए कनेक्शन की मंजूरी, कनेक्शन हटाने आदि से संबंधित लंबित मामलों का निरीक्षण भी करते हैं।
हैल्प-यू काउंटरों में पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक जांच और निरीक्षण किया जाता है। उड़नदस्ते नकद समाधान की प्रक्रिया पर भी नियंत्रण रखते हैं जिससे कि दिल्ली जल बोर्ड की खाता प्राप्तियों का बेहतर प्रबंधन हो सके और दिल्ली जल बोर्ड के उपभोक्ताओं को भुगतान प्रक्रिया में आसानी हो सके।
सभी जन सहायता विभागों पर पर्याप्त कर्मचारियों की संख्या के पूरे उपयोग के लिए ये दल आकस्मिक दौरे भी करते हैं जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी निर्धारित कर्मचारी संख्या के अनुसार मौजूद हैं। दिल्ली जल बोर्ड के प्रवक्ता के मुताबिक बोर्ड की ओर से किए गए इन प्रयासों को उपभोक्ता संतुष्टि को बढ़ाने और जमीनी स्तर पर इसकी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने की दिशा में किए जाते हैं।
इस बारे में दस्ते दैनिक आधार पर निरीक्षण करते हैं। ये दल टैकरों को सही मार्ग की आकस्मिक जांच करते हैं और एक निर्धारित बिंदु पर पानी की मात्रा की जांच करते हैं। वास्तव में ये दस्ते उपभोक्ताओं से बातचीत कर टैंकर सेवाओं के माध्यम से पानी की संतोषजनक प्राप्ति की जांचकर, एक पूरी लेखा परीक्षा करते हैं।
इस पूरी कवायद से विभिन्न मानकों जैसे कि टैंकर कार्यक्रमों का अनुपालन, टैंकर के नल/वाल्व/बॉडी आदि से छलकन का प्रबंधन, टैंकरों की सफाई, टैंकर चालकों का वैध लाइसेंस, पहचान दस्तावेजों, पेंट, नंबर प्लेट से संबंधित टैंकरों के उचित रखरखाव आदि विभिन्न मानकों पर संतोष के स्तर की जांच करते हैं। यह विशेष रूप से दिल्ली जल बोर्ड के ऐसे उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा जो पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं क्योंकि अब उन्हें युक्तियुक्त और समयबद्ध जल आपूर्ति मिलने की उम्मीद है।
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