जल ही जीवन है - भाग 1

जल ही जीवन है
जल ही जीवन है

देश को हालांकि खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है, लेकिन मल पंक (फीकल स्लज) और सेप्टेज प्रबंधन की आवश्यकता पर निरंतर ध्यान देना उचित होगा क्योंकि उसके बिना पेयजल की गुणवत्ता और सुरक्षा पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। यह महत्त्वपूर्ण है कि सभी स्तरों पर सरकारें स्थानीय नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम करें जो इस कार्य के अग्रणी पैरोकार के रूप में स्थापित होते हैं और जिनके कारण संसाधनों के बीच बेहतर तालमेल लाया जा सकता है और अधिकतम परिणाम हासिल हो सकते हैं।

इस दुनिया में जीवन विविध और अनोखा है लेकिन हम सभी में जो समानता है वह यह है कि हम एक ही दुनिया में साथ रहते हैं और सांस लेते हैं। इसलिए हमारी सामूहिक क्रियाएं हमारे साझा वातावरण पर प्रभाव डालती हैं, जिसने जलवायु से सम्बन्धित मौसम के स्वरूप के बदलते रुख में इजाफा किया है और पर्यावरण की गुणवत्ता को घटाने जैसे नकारात्मक परिणामों में योगदान दिया है। इसेक कारण मानव समाज को सामाजिक-आर्थिक रूप से कीमत चुकानी पड़ती है। वर्ष 2017 में यूकेएआईडी के एक आकलन के अनुसार, भारत को मौसम और अन्य पर्यावरण सम्बन्धी कारणों के कारण दस साल की अवधि में सालाना औसतन 170 बिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हुआ था।

अधिकाशतः बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय परिवर्तनों के कारण भारत के कुछ क्षेत्रों में वर्षा के मिजाज में बदलाव आया जिसने सूखे की स्थिति को और अधिक गम्भीर बनाया। वर्तमान में, देश का लगभग एक-तिहाई भाग या तो सूखा ग्रस्त है या रेगिस्तानी क्षेत्रों के अन्तर्गत आता है। इसके कारण कृषि पर निर्भर समुदायों की विवशता बढ़ गई है और साथ ही स्थानीय जलस्रोतों का दोहन अधिक हो गया है जिससे संसाधनों का कुप्रबंधन हो रहा है और भूगर्भीय उत्पन्न हो गया है। अति-दोहन से जल दूषित हो रहा है, और तब स्थिति और गम्भीर हो जाती है जब समुदायों में जल सुरक्षा योजना से जुड़े पर्यावरण सम्बन्धी स्वास्थ्य मानकों को कायम रखने के लिए आवश्यक जानकारी, बुनियादी ढांचे और सेवाओं की कमी होती है।

यूनिसेफ जल और स्वच्छता प्रोग्रामिंग से भारत सरकार का एक प्रमुख तकनीकी भागीदारी है और सतत विकास लक्ष्य 6 यानी 2030 तक सबके लिए सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल और स्वच्छता सर्वत्र सुलभ कराने की दिशा में देश की प्रगति में सहायक बनने के प्रति समर्पित है। यह सरकार से लेकर स्थानीय समुदायों सभी के साथ जल स्रोतों पर दबाव के व्यापक दायरे में उपजी विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए पहलों और संरचनाओं के कार्यान्वयन पर काम कर रहा है।

 

जारी.........

 

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Post By: Shivendra
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