जिहि नक्षत्र में रबि तपै


जिहि नक्षत्र में रबि तपै, तिहीं अमावस होय।
परिवा साँझी जो मिलै, सूर्य ग्रहण तब होय।।


भावार्थ- सूर्य जिस नक्षत्र में होता है उसी में अमावस्या होती है, शाम को यदि प्रतिपदा हो तो सूर्यग्रहण अवश्य होगा।

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Post By: tridmin
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