जेठ पहिल परिवा दिना, बुध बासर जो होइ।
मूल असाढ़ी जो मिलै, पृथ्वी कम्पै जोइ।।
भावार्थ- यदि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को बुधवार पड़े और आषाढ़ की पूर्णिमा को मूल नक्षत्र हो तो पृथ्वी दुःख से काँप उठेगी।
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