जेठ बदी दसमी दिना, जो सनिबासर होइ।
पानी होय न धरनि पर, बिरला जीवै कोई।।
भावार्थ- यदि ज्येष्ठ कृष्ण दशमी को शनिवार पड़े तो पृथ्वी पर वर्षा नहीं होगी और शायद ही कोई जीवित बचेगा।
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