जै दिन जेठ बहे पुरवाई


जै दिन जेठ बहे पुरवाई
तै दिन सावन धूरि उड़ाई।।


भावार्थ- जेठ में जितने दिन पुरवा हवा चलेगी सावन में उतने दिन धूल उड़ेगी यानी पानी नहीं बरसेगा।

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Post By: tridmin
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