हरियाणा स्थित फरीदाबाद में एक जिमखाना क्लब है, जिसने अपने परिसर में वर्षा जल संग्रहण व्यवस्था करके तुरन्त ही फरीदाबाद में वर्षा जल संग्रहण अभियान छेड़ दिया है। दिल्ली के निकट होने के कारण यहां भी बड़ी तेजी से शहरीकरण हो रहा है। फरीदाबाद के सेक्टर 15ए स्थित इस क्लब ने एक खास तरह के फिल्टर का उपयोग किया है, जिससे बोर में सतह के पानी का पुनर्भरण होने से पहले गाद, मिट्टी साफ हो जाए। इस नई फिल्टर व्यवस्था के पीछे एक बुनियादी सिद्धांत है, जिसमें सतह के पानी को रेत फिल्टर के जरिए भारी दबाव के साथ पम्प करके पुनर्भरण बोर से भूजल में पहुंचाया जाता है। यह रेत फिल्टर दिल्ली स्थित फोंटस वॉटर लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। विशेष तरह से तैयार की गई इस फिल्टर व्यवस्था में रेत के अलावा कोयले का भी उपयोग होता है।
इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र 14,350 वर्ग मीटर है और इस क्षेत्र की सालाना 35 लाख लीटर जल संग्रहण की क्षमता है। इस जल ग्रहण क्षेत्र में छत और बगीचे जैसे खुले क्षेत्र दोनों को उपयोग में लाया जाता है। जमीन की सतह और छत के पानी को जल निकास के जरिए संग्रहित किया जाता है। सभी सतह के पानी को नालियों के जरिए 1 मीटर x 1.6 मीटर x 1 मीटर की एक संरचना में पहुंचाया जाता है।
एक 2 एचपी मोटर का उपयोग करते हुए कक्ष के एकत्रित जल को पम्प करके आगे बढ़ाया जाता है। इस मोटर को इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे कक्ष में पर्याप्त पानी भरने पर पम्प अपने आप चलने लगता है। इस स्वचालित व्यवस्था से पम्प का पानी नहीं सूखता और बारिश होने पर यह अपने आप चल पड़ता है। कक्ष में एकत्रित पानी को 130 फीट गहरे पुनर्भरण बोरवेल के भीतर उड़ेला (अंत:क्षेप किया) जाता है।
इस पद्धति में शामिल अंत:क्षेप सिद्धांत के उपयोग से सतह का पानी साफ हो जाता है और जल जमाव को भी रोकने में मदद मिलती है। इसकी बनावट और फोन्टस की फिल्टरिंग व्यवस्था समेत इस परियोजना पर कुल 1.86 लाख रुपये की लागत आती है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : श्री रंजीत मल्होत्राफोन्टस वॉटर लिमिटेड, नई दिल्ली ई-मेल: fontus@eawater.com
इसका कुल जलग्रहण क्षेत्र 14,350 वर्ग मीटर है और इस क्षेत्र की सालाना 35 लाख लीटर जल संग्रहण की क्षमता है। इस जल ग्रहण क्षेत्र में छत और बगीचे जैसे खुले क्षेत्र दोनों को उपयोग में लाया जाता है। जमीन की सतह और छत के पानी को जल निकास के जरिए संग्रहित किया जाता है। सभी सतह के पानी को नालियों के जरिए 1 मीटर x 1.6 मीटर x 1 मीटर की एक संरचना में पहुंचाया जाता है।
एक 2 एचपी मोटर का उपयोग करते हुए कक्ष के एकत्रित जल को पम्प करके आगे बढ़ाया जाता है। इस मोटर को इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे कक्ष में पर्याप्त पानी भरने पर पम्प अपने आप चलने लगता है। इस स्वचालित व्यवस्था से पम्प का पानी नहीं सूखता और बारिश होने पर यह अपने आप चल पड़ता है। कक्ष में एकत्रित पानी को 130 फीट गहरे पुनर्भरण बोरवेल के भीतर उड़ेला (अंत:क्षेप किया) जाता है।
इस पद्धति में शामिल अंत:क्षेप सिद्धांत के उपयोग से सतह का पानी साफ हो जाता है और जल जमाव को भी रोकने में मदद मिलती है। इसकी बनावट और फोन्टस की फिल्टरिंग व्यवस्था समेत इस परियोजना पर कुल 1.86 लाख रुपये की लागत आती है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें : श्री रंजीत मल्होत्राफोन्टस वॉटर लिमिटेड, नई दिल्ली ई-मेल: fontus@eawater.com
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