हरिन फलांगन काकरी


हरिन फलांगन काकरी, पैगे पैग कपास।
जाय कहो किसान से, बोवै घनी उखार।।


शब्दार्थ- उखार-ईख, गन्ना।

भावार्थ- हिरण के एक छलांग की दूरी पर ककड़ी और मनुष्य के कदम-कदम की दूरी पर कपास का बीज बोना चाहिए। घाघ का कहना है कि किसान से जाकर कहो कि ईख को घनी बोवे।

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Post By: tridmin
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