देहरादून, 22 जुलाई09। दुनिया के पाप घोने वाली पवित्र नदी गंगा का पानी अब इतना प्रदूषित हो चुका है कि अब तो यह पेयजल के लिए भी सुरक्षित नहीं बचा है। उत्तराखंड सरकार ने आज राज्य विघानसभा मे बताया कि हरिद्वार में गंगा का पानी पीने के लिहाज से सुरक्षित नहीं है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने विघानसभा से वाक-आउट किया। विघानसभा में आज प्रयनकाल के दौरान भाजपा के गोपाल सिंह रावत के प्रश्A के जवाब में राज्य के पर्यावरण मंत्री बिशन सिंह चुफल ने बताया कि हरिद्वार में गंगा के पानी में बडी तादाद में ई-कोलिफॉर्म बैक्टिरिया पाए गए हैं जिसके कारण गंगा का पानी पीने के लिहाज से सुरक्षित नहीं है। चुफल ने कहा कि हालांकि यह पानी कृषि और सिंचाई के लिए सुरक्षित है। उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि गंगा अपने उद्गम स्थल गोमुख से ही प्रदूषित हो रही है।
उन्होंने कहा कि अपने उद्गम स्थल गोमुख से गंगा का पानी शुद्ध है। उन्होंने बताया कि गंगा के संरक्षण के लिए राज्य नदी संरक्षण प्राघिकरण के गठन का काम प्रगति पर है। गौरतलब है कि गंगा को हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है और भारतीय जन-जीवन में सदियों से इसका महत्व रहा है। उत्तराखंड सरकार के इस कबूलनामे के बाद घार्मिक क्षेत्रों में इसकी तीखी प्रतिक्रिया आना तय माना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अपने उद्गम स्थल गोमुख से गंगा का पानी शुद्ध है। उन्होंने बताया कि गंगा के संरक्षण के लिए राज्य नदी संरक्षण प्राघिकरण के गठन का काम प्रगति पर है। गौरतलब है कि गंगा को हिन्दुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है और भारतीय जन-जीवन में सदियों से इसका महत्व रहा है। उत्तराखंड सरकार के इस कबूलनामे के बाद घार्मिक क्षेत्रों में इसकी तीखी प्रतिक्रिया आना तय माना जा रहा है।
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