हरिद्वार की गंगा में मात्र दो नालों से 140 लाख लीटर से भी ज्यादा मलजल गिरता है,” डा. अनिल गौतम, अध्यक्ष, (पर्यावरण गुणवत्ता निगरानी समूह पीपुल्स लोक विज्ञान संस्थान (पीएसआई) देहरादून)
डा. गौतम की टीम ने पिछले महीने हरिद्वार की गंगा में गिरने वाले नालों के संदर्भ में एक सर्वेक्षण किया, रिपोर्ट को प्रकाशित करते हुए डा. गौतम ने देहरादून में कहा, “ हरिद्वार में गंगा में मात्र दो नालों से 140 लाख लीटर से भी ज्यादा मलजल गिरता है,”। ये दो नाले ललताराव पुल (एस-3 नक्शे में) और ज्वालापुर (एस-5) में हैं।
पीएसआई के पवित्र सिंह कहते हैं कि मुझे याद है कि पिछले महीने उत्तराखंड विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में, श्री बीएस चुफाल, उत्तराखंड के पर्यावरण मंत्री ने जोरदार स्वर में कहा कि गंगा में सीधे कोई भी मलजल नहीं गिरता।
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, हरिद्वार में कर्मचारी श्री आरके जोशी ने बताया कि छह बड़े और लगभग एक दर्जन छोटे नाले सीधे गंगा में गिरते हैं। पीएसआई की टीम ने 9 स्थानों पर अपशिष्ट की गुणवत्ता की जांच की (एस-1 से एस 9, मानचित्र पर देखें) ). “इन नालों से लगभग 20 टन जीवांश, 37.5 टन घुलित ठोस और 24,000 ट्रिलियन फैकल कॉलिफोर्म हर रोज नदी को प्रदूषित करते हैं। डॉ गौतम ने आगे कहा कि यह हैरानी की बात है कि जगजीतपुर के ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले अपशिष्ट की गुणवत्ता भी उतनी ही है जितनी की दूसरे अन्य नालों से बहकर गंगा में आने वाले असंशोधित अपशिष्ट की।
हर की पौड़ी के ऊपर स्थित नाला एस-1, गंगा में दिन प्रतिदिन 2.4 मिलियन लीटर कचरा ले जाता है। जिसमें 100 मिलीलीटर में 31.3 लाख फैकल कॉलिफोर्म और 140 मिलीग्राम/ लीटर बीओडी होता हैं। यह घाट पर स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। यह स्थिति इसलिए भी भयावह है कि अगले वर्ष होने वाले महा कुंभ के दौरान 50 लाख से भी अधिक श्रद्धालु नदी में स्नान करने के लिए हरिद्वार आएंगे। यह भी साफ नहीं है कि मेले के दौरान नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सरकार द्वारा मुहैया कराई गई 400 करोड़ की राशि सही जगह खर्च की ही जाएगी।
अध्ययन के अनुसार हरिद्वार की गंगा में 9 नाले प्रतिदिन 80 मिलियन लीटर अपशिष्ट नदी में ले जाते हैं। इन नालों मे फैकल कॉलिफोर्म 11.79-51.79 मिलियन/100 मिली. और बीओडी (BOD) 80 से 465 मिग्रा./ली. रहती है। विभिन्न स्थानों से लिए गए नमूनों में बीओडी का स्तर, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा संशोधित अपशिष्ट जल के लिए तय मानक, 30 मिलीग्राम/लीटर से भी अधिक है। गंगा एक्शन प्लान के तहत जगजीतपुर में लगाए गए ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले अपशिष्ट में बीओडी का स्तर 180मिग्रा./ली. है जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तय मानक से 6 गुणा अधिक है।
Water Quality of sewer drains joining the River Ganga at Haridwar
Site Code | Location | Parameters | ||||
BOD (mg/l) | COD (mg/l) | TSS (mg/l) | FC,(million/100 ml) | Daily discharge (MLD) | ||
S-1 | Sewer drain before fall out into the Ganga Canal d/s of LokNath Ghat | 140 | 240 | 70 | 31.29 | 2.4 |
S-2 | Laltarao bridge Nala fall out into Ganga d/s Gujrala Bhawan | 205 | 320 | 2235 | 41.09 | 8.6 |
S-3 | Sewer drain fall out into Lalatarao bridge Nala come from Vishnu Bhawan side | 239 | 348 | 480 | 21.89 | 2.0 |
S-4 | Kassaban Nala, Jwalapur fall out into Ganga | 270 | 520 | 80 | 29.98 | 17 |
S-5 | Sewer drain at Jwalapur | 465 | 720 | 523 | 34.68 | 12.4 |
S-6 | BHEL Nala at Jwalapur | 190 | 280 | 164 | 35.69 | 13.8 |
S-7 | Ranipur drain d/s Sanskrit Bhawan ,Ranipur mod | 145 | 235 | 105 | 51.79 | 5.1 |
S-8 | Jagjeetpur Nala near Matri Sadan fall out into Ganga river | 80 | 120 | 18 | 11.79 | |
S-9 | Jagjeetpur STP final out let before confluence with the River Ganga | 180 | 400 | 356 | 30.89 | 18 (as per STP capacity) |
Abbreviations: BOD-Biological Oxygen Demand, COD-Chemical Oxygen Demand, TSS-Total Suspended Solids, FC-Fecal Coliform, MLD- million liter per day
Path Alias
/articles/haraidavaara-kai-gangaa-maen-naalae-aura-kacaraa-para-adhayayana
Post By: admin