शिक्षक बच्चों को खुले में शौच न जाने के बारे में समझा सकते हैं और सभी मिल कर मानव मल को समुचित निपटान का व्यवस्था कर सकते हैं। प्रतिदिन मंजन करना चाहिए, अच्छे से नहाएं, स्वच्छता अपनाएं तो कभी भी रोग उनके पास नहीं आएगा। खाने के लिए फल-सब्जी धोकर खाएं भोजन हमेशा ढंक कर रखें और खाने को अच्छी तरह से चबाकर खाना चाहिए। साफ-सफाई का हमेशा ध्यान देना चाहिए इन सभी बातों को शिक्षक बच्चों को समझाएं यही स्वस्थ रहने का सबसे मूल मंत्र है।
बीमारियाँ फैलने का मुख्य कारण मेले में खाने वाले चीजों पर धूल उड़ती हुई तथा मक्खियाँ भी खूब रहती हैं। जिन्हें खाकर हम बीमार पड़ते हैं। हम अपने घर, आस-पड़ोस तथा गली में कूड़ा फेंकने से भी बीमारियाँ फैलती है। गंदगी से रहने पर उल्टीयाँ, दस्त, पेट दर्द होना आदि शुरू होता है।
जल स्रोतों पर गंदगी न फैंलाएं जहां हमें पीने के लिए पानी मिलता है। जैसे तालाब में पशुओं को नहलाना नहीं चाहिए, नालों का पानी, कूड़ा, कपड़े आदि नहीं धोना चाहिए, हमें पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। पानी को अलग ले जाकर अपना सारा काम निपटाना चाहिए। ऐसा करके हम अपने को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।
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