सरकार के अनेक कार्यक्रमों का उद्देश्य गाँव की निस्तार और खेती की जल आवश्यकता की पूर्ति होता है। इस उद्देश्य को ध्यान में रख अनेक योजनाएँ क्रियान्वित हुई हैं पर सारे प्रयासों के बावजूद, अभी भी अनेक गाँवों में गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत रहती है। रबी में सिंचाई के लिये पानी कम पड़ जाता है। अनेक नदियों का पानी तली के नीचे उतर जाता है। जल संरचनाएँ सूख जाती हैं। अर्थात अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।
इस लेख के माध्यम से बरसाती पानी की उपलब्धता, मौजूदा जलस्रोतों की क्षमता, वास्तविक आवश्यकता और उसकी पूर्ति को समझने का प्रयास कर जल बजट का विवरण पेश है। यह उदाहरण अधूरे प्रयासों को भी दर्शाता है। नए प्रयासों की पैरवी करता है। जल बजट के विवरण को समझने के क्रम में सबसे पहले जल विज्ञान की सामान्य समझ बनाएँगे। उसके बाद जल बजट को समग्रता में जानेंगे।
जल विज्ञानियों ने किसी भी क्षेत्र पर बरसने वाले पानी के विभिन्न घटकों को निम्न जल सन्तुलन समीकरण (Water balance equation) द्वारा प्रदर्शित किया है-
वर्षा से प्राप्त सकल जल = धरती की सतह, सतह पर मौजूद जल संरचनाओं तथा वनस्पतियों से होने वाला वाष्पीकरण x मिट्टी में वर्षा जल का संचय x रन-आफ x भूजल रीचार्ज
समीकरण के अवलोकन से पता चलता है कि बरसात के दौरान धरती की सतह पर जो पानी बरसता है, उसकी सकल मात्रा धरती की सतह, नदी, तालाब और वनस्पतियों से हुए वाष्पीकरण; मिट्टी के कणों के बीच जमा पानी; नदी नालों के माध्यम से बहने वाले पानी और एक्विफरों में जमा पानी के बराबर होती है।
उल्लेखनीय है कि वाष्पीकरण, मिट्टी के कणों एवं एक्विफरों में संचित में जमा पानी को प्रकृति नियंत्रित करती है किन्तु मानवीय प्रयासों से धरती की सतह पर बहने वाले बरसाती पानी (रन-आफ) को जलाशयों, झीलों, वेटलैंड, तालाबों, स्टाप-डैम इत्यादि में जमा किया जा सकता है। रन-आफ की जमा की जा सकने वाली मात्रा को स्थानीय टोपोग्राफी और प्रस्तावित जल संरचना की क्षमता इत्यादि नियंत्रित करती है वहीं भूजल रीचार्ज को एक्वीफर के गुण निर्धारित करते हैं।
ग्राम के जल बजट बनाने का उद्देश्य
ग्रामवासियों की माँग (जल आवश्यकता) की पूर्ति के लिये बजट बनाना है ताकि बरसाती पानी का संचय जलाशयों, झीलों, वेटलैंड, तालाबों, स्टाप-डैम और एक्विफरों में किया जा सके।
ग्राम का जल बजट बनाने की प्रक्रिया
अ. पूर्व निर्मित जल संरचनाओं यथा कुओं, नलकूपों, तालाबों, नहरों इत्यादि से प्राप्त किये जा रहे जल की मात्रा का अनुमान लगाना।
आ. ग्रामीणों की खेती, मनुष्यों एवं पशुओं की पेयजल तथा निस्तार इत्यादि की सकल आवश्यकताओं का आकलन कर जल की शेष (वास्तविक) आवश्यकता ज्ञात करना।
इ. औसत बरसात, सतही जल (रन ऑफ) और भूजल रीचार्ज की दोहन योग्य मात्रा का अनुमान लगाना।
ई. पानी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये नई संरचनाओं के प्रस्ताव एवं उनकी सम्भावित जल क्षमता का अनुमान लगाना।
जल बजट से जुड़ी गणनाओं को संलग्न उदाहरण में स्पष्ट किया गया है। यह बजट हर ग्राम के लिये अलग होगा।
जल-बजट की गणना का उदाहरण
ग्राम-अनहोनी, विकासखण्ड पिपरिया, जिला होशंगाबाद, मध्य प्रदेश
प्रस्तुत उदाहरण में ग्राम अनहोनी के जल बजट का विवरण दिया गया है। यह वास्तविक उदाहरण है। इसे समझकर किसी भी गाँव का जल बजट आसानी से बनाया जा सकता है।
अ. पूर्व निर्मित जल संरचनाओं से प्राप्त किये जा रहे जल की मात्रा का अनुमान लगाना
ग्राम अनहोनी में 6 तालाब और एक नलकूप है। छः तालाबों में उपलब्ध पानी की मदद से 53.478 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। गेहूँ का सिंचित रकबा 19.263 हेक्टेयर और चने का रकबा 35.215 हेक्टेयर है। गेहूँ की तीन बार एवं चने की दो बार सिंचाई की जाती है। नलकूप से एक हेक्टेयर जमीन में गेहूँ को पाँच बार पानी दिया जाता है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक बार की सिंचाई में जमीन को लगभग तीन इंच या 7.5 सेंटीमीटर (0.075 मीटर) पानी दिया जाता है। तालाबों (तालिका एक) एवं नलकूप (तालिका दो) से ली जाने वाली पानी की सम्भावित मात्रा निम्नानुसार है:-
तालिका एक
क्र. |
फसल का नाम |
रकबा (हेक्टेयर) |
सिंचाई की संख्या |
जल की प्रति सिंचाई मात्रा (मी.) |
पानी की कुल मात्रा (हे.मी.) |
1. |
गेहूँ |
19.263 |
3 |
0.075 |
4.33 |
2. |
चना |
35.215 |
2 |
0.075 |
5.28 |
|
कुल योग |
9.61 |
तालिका दो
क्र. |
फसल का नाम |
रकबा (हेक्टेयर) |
सिंचाई की संख्या |
जल की प्रति सिंचाई मात्रा (मी.) |
पानी की कुल मात्रा (हे.मी.) |
ग्राम में एक नलकूप है। इस नलकूप द्वारा एक हेक्टेयर भूमि पर गेहूँ की 5 बार सिंचाई होती है। उपयोग में लाये पानी (भूजल) की सम्भावित मात्रा 5 ग 0.075 =+ 0.375 हे.मी. |
ग्राम अनहोनी में सिंचाई हेतु उपयोग में लाये सकल जल (सतही एवं भूजल) की मात्रा 9.61-0.375 = 9.985 है. मी. है।
आ. ग्रामीणों की कुल वास्तविक माँग (खेती, पेयजल इत्यादि हेतु) का अनुमान
मनुष्यों की पेयजल एवं निस्तार की आवश्यकता का अनुमान
ग्राम अनहोनी में निवासरत लोगों की वार्षिक पेयजल आवश्यकता का अनुमान निम्नानुसार हैः-
तालिका तीन
जनसंख्या |
प्रतिदिन प्रति व्यक्ति पानी की पेयजल एवं कनस्तार आवश्यकता (लीटर में) |
पानी की कुल वार्षिक आवश्यकता हेक्टेयर मीटर में [368x60x365/1000]/10000 |
368 |
60 |
0.80 |
कुल योग |
0.80 |
पशुओं के लिये जल की आवश्यकता का अनुमान
ग्राम अनहोनी में उपलब्ध पशुओं की वार्षिक जल आवश्यकता का अनुमान निम्नानुसार हैः-
तालिका चार
पशुओं के नाम |
पशुओं की कुल संख्या |
प्रति पशु पानी की दैनिक आवश्यकता (लीटर) |
पानी की दैनिक कुल आवश्यकता (2x3) |
पानी की कुल वार्षिक आवश्यकता (घन मीटर) |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
गाय |
20 |
135 |
2700 |
985.50 |
भैंस |
1 |
135 |
135 |
49.28 |
बैल |
26 |
155 |
4030 |
1470.95 |
बकरा/बकरी |
40 |
8 |
320 |
116.80 |
मुर्गा/मुर्गी |
70 |
2 |
140 |
51.10 |
कुल योग (घन मीटर में) |
2673.625 |
|||
कुल योग (हेक्टेयर मीटर में) |
0.26 हे.मी. |
कृषि हेतु जल की वास्तविक आवश्यकता
ग्राम अनहोनी का सकल रकबा 526.325 है। पुराने तालाबों तथा नलकूप से रबी मौसम में 53.478 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई होती है। प्रयुक्त जल की मात्रा 9.61 हेक्टेयर मीटर है। यह विवरण पूर्व में दिया जा चुका है।
ग्राम में सिंचाई हेतु शेष बची कृषि भूमि की शेष (वास्तविक) जल आवश्यकता का आकलन
ग्राम अनहोनी के किसान खरीफ में 46 हेक्टेयर पर सुरक्षात्मक तथा रबी में 14.51 हेक्टेयर पर सुनिश्चित सिंचाई करना चाहते हैं। तालिका पाँच में असिंचित रकबे पर प्रति सिंचाई प्रयुक्त जल की आवश्यकता एवं प्रयुक्त डेल्टा (फसल के जीवनकाल में लगने वाली सिंचाई जल की सकल मात्रा = सिंचाई की कुल संख्या ग प्रति सिंचाई जल की मीटर में मात्रा) के आधार पर गणनाएँ दी गईं हैं। इस गणना के अनुसार पानी की कुल आवश्यकता निम्नानुसार होगी-
तालिका पाँच
|
ग्राम की असिंचित भूमि की सिंचाई हेतु पानी की आवश्यकता |
||
फसल का नाम |
बोया जाने वाला क्षेत्र हेक्टेयर में |
डेल्टा (सिंचाई की कुल संक्या ग प्रति सिंचाई जल की मीटर में मात्रा) |
सिंचाई हेतु पानी की कुल आवश्यकता हे.मी. में |
1 |
2 |
3 |
4 |
खरीफ |
|||
धान |
5.00 |
4 ग 0.075 = 0.30 |
1.50 |
सांवा |
5.00 |
4 ग 0.075 = 0.30 |
1.50 |
अरहर |
8.00 |
4 ग 0.075 = 0.30 |
2.40 |
सोयाबीन |
25.00 |
2 ग 0.075 = 0.15 |
3.75 |
सब्जी व अन्य फसल |
3.00 |
2 ग 0.075 = 0.15 |
0.45 |
योग (अ) |
46.00 |
|
9.60 |
रबी |
|||
गेहूँ |
5.73 |
5 ग 0.075 = 0.375 |
2.15 |
चना |
4.78 |
3 ग 0.075 = 0.225 |
1.08 |
दलहन फसल (मटर, मसूर व अन्य) |
2.00 |
4 ग 0.075 = 0.30 |
0.60 |
योग (ब) |
14.51 |
|
4.43 |
महायोग (अ+ब) |
60.51 |
|
14.03 |
नोट:- 1. खरीफ फसलों की सुरक्षात्मक सिंचाई के लिये 9.60 हेक्टेयर मीटर तथा रबी की प्रस्तावित फसलों के लिये लगभग 4.43 हेक्टेयर मीटर जल की आवश्यकता होगी।
2. ग्रीष्म ऋतु में कोई भी फसल प्रस्तावित नहीं अतः ग्रीष्मकालीन सिंचाई आवश्यकता शून्य।
3. अनहोनी में खेती के लिये 14.03 हे.मी. पानी की पूर्ति हेतु प्रयास किया जाना चाहिए। अर्थात नई जल संरचनाएँ बनानी चाहिए।
विभिन्न मदवार आवश्यकताओं की संक्षेपिका निम्नानुसार हैं-
अ. पेयजल एवं निस्तार हेतु कुल वार्षिक आवश्यकता 0.80 हे. मी.
ब. पशुओं की कुल वार्षिक आवश्यकता 0.26 हे. मी.
स. कृषि हेतु जल की सकल आवश्यकता 14.03 हे.मी.
पानी की कुल वास्तविक आवश्यकता = 0.80+0.26+14.03 = 15.09 हे.मी.
इ. सतही जल (रन ऑफ) और भूजल रीचार्ज की दोहन योग्य मात्रा का अनुमान
ग्राम में सतही जल (रन ऑफ) और भूजल रीचार्ज तथा उसकी दोहन योग्य मात्रा का अनुमान लगाया गया है। वांछित गणनाएँ निम्नानुसार हैं-
क. अनहोनी ग्राम में सतही जल (रन ऑफ) की मात्रा मात्रा का अनुमान-
रन ऑफ की मात्रा का अनुमान लगाने के लिये औसत वर्षा ज्ञात की जाएगी। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के आधार पर रन ऑफ कोएफिसिएंट तय किया जाएगा।
अनहोनी ग्राम की सालाना वर्षा का औसत ज्ञात करना
ग्राम अनहोनी होशंगाबाद जिले के विकासखण्ड पिपरिया में स्थित है। इस ग्राम में रेन गेज स्टेशन नहीं है। निकटस्थ रेन गेज स्टेशन पिपरिया में उद्यानिकी विभाग के सिलारी फॉर्म में स्थित है। इस रेन-गेज स्टेशन पर पिछले दस वर्षों में वर्षवार दर्ज वर्षा निम्नानुसार है-
तालिका छः
क्रमांक |
अवलोकन वर्ष |
वर्षा मि.मी. |
1. |
2001-2002 |
662.00 |
2. |
2002-2003 |
1074.40 |
3. |
2003-2004 |
1264.40 |
4. |
2004-2005 |
1097.20 |
5. |
2005-2006 |
1756.50 |
6. |
2006-2007 |
1876.80 |
7. |
2007-2008 |
881.20 |
8. |
2008-2009 |
1065.20 |
9. |
2009-2010 |
1541.20 |
10. |
2010-2011 |
853.60 |
योग (मिलीमीटर) |
12071.70 |
|
औसत वर्षा (12071.70/10 |
1207.71 मिलीमीटर या 1.20717 मीटर |
अनहोनी में सतही जल (रन ऑफ) की सकल मात्रा का आकलन
किसी भी ग्राम या क्षेत्र में रन ऑफ की मात्रा का अनुमानित मान ज्ञात करने के लिये निम्न मानक तालिका का उपयोग किया जाता है-
रन ऑफ कोएफिसिएंट (Coefficient of Run off) मानक
तालिका सात
क्र. |
क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति |
रन ऑफ कोएफिसिएंट का मान |
1 |
चट्टानी एवं अपारगम्य |
0.9 से 1.0 |
2. |
थोड़ा पारगम्य |
0.6 से 0.8 |
3. |
जुते खेत या फसल से ढँका खेत |
0.4 से 0.6 |
4. |
जुता खेत जिसका मिट्टी में पानी सोखने का गुण हैं |
0.3 से 0.4 |
5. |
रेतीली मिट्टी |
0.2 से 0.3 |
6. |
घना जंगल |
0.1 से 0.2 |
रन ऑफ से मिलने वाले जल की मात्रा की गणना के लिये निम्न सूत्र का उपयोग किया जाता है-
ग्राम का रकबा (हेक्टेयर में) × औसत वर्षा (मीटर में) × रन ऑफ कोएफीसिएंट = सकल रन ऑफ
उपरोक्त सूत्र में विभिन्न घटकों का मान रखने से-
526.325 × 1.20717 × 0.6 = 381.209 हे.मी.
नोट- अनहोनी ग्राम की भौगोलिक स्थिति एवं अन्य गुणों के आधार पर रन ऑफ कोएफिसिएंट का मान 0.6 लिया गया है। अलग अलग ग्रामों में यह मान अलग-अलग होगा।
नोट- उपरोक्त गणनानुसार अनहोनी ग्राम में रन ऑफ के माध्यम से उपलब्ध सकल सतही जल की सालाना मात्रा लगभग 381.209 हेक्टेयर मीटर है। इसी रन-आफ में से हर साल 9.61 हे.मी. पानी पुराने तालाबों में जमा होगा। अतः उपरोक्त पूर्ति के बाद ग्राम में हर साल लगभग 371.60 हे.मी. रन ऑफ बचेगा। इस पानी की मदद से नई संरचनाएँ बनाई जा सकती हैं।
ख. भूजल रीचार्ज की दोहन योग्य मात्रा का आकलन
अनहोनी ग्राम में भूजल रीचार्ज की दोहन योग्य मात्रा ज्ञात करने के पहले सकल प्राकृतिक भूजल रीचार्ज की मात्रा को ज्ञात किया जाएगा तदोपरान्त दोहन योग्य मात्रा ज्ञात की जाएगी। वांछित सैद्धान्तिक गणनाएँ निम्नानुसार हैं-
प्राकृतिक भूजल रीचार्ज की मात्रा का आकलन
लेख के प्रारम्भ में वाटर बैलेन्स इक्वेशन में प्राकृतिक भूजल रीचार्ज का उल्लेख किया गया है। उल्लेखनीय है कि एक्विफर के ऊपर स्थित मिट्टी की परतों को सन्तृप्त करने के बाद ही रिसा पानी एक्विफर में जमा होता है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड (भारत सरकार) के दिशा-निर्देशों के अनुसार जमीन में रिसे पानी की गणना औसत वर्षा तथा स्थानीय चट्टानों के रेनफाल इनफिल्ट्रेशन फैक्टर के आधार पर की जाती है। यही प्रक्रिया अनहोनी सहित किसी भी ग्राम के लिये अपनाई जाएगी। ग्राम अनहोनी गोंडवाना सेंडस्टोन पर स्थित है। गोंडवाना सेंडस्टोन का रेनफाल इनफिल्ट्रेशन फैक्टर 0.12 (देखें तालिका आठ) है। भूजल रीचार्ज की अनुमानित मात्रा को निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात किया जा सकता है-
भूजल रीचार्ज की मात्रा = ग्राम का कुल रकबा x रेनफाल इनफिल्ट्रेशन फैक्टर x औसत वर्षा = 526.325 x 0.12 x 1.20717 = 76.24 हे.मी.
प्राकृतिक भूजल रीचार्ज की दोहन योग्य मात्रा का आकलन
जमीन में रिसे पानी की पूरी मात्रा का दोहन सम्भव नहीं होता। पानी सहेजने वाली परत की स्पेसिफिक इल्ड से भूजल दोहन की मात्रा नियंत्रित होती है। तालिका आठ में स्पेसिफिक इल्ड एवं रेन-फाल इनफिलट्रेशन फैक्टर का मान दिया गया है।
तालिका आठ
क्र. |
चट्टान का नाम |
स्पेसिफिक इल्ड |
रेन-फाल इनफिलट्रेशन फैक्टर |
1. |
कछारी क्षेत्र (क्ले, सिल्ट, रेतीला) |
0.06 से 0.16 |
0.10 से 0.22 |
2. |
गोंडवाना सेंडस्टोन |
0.03 |
0.12 |
3. |
चूना पत्थर |
0.01 से 0.15 |
0.06 |
4. |
बेसाल्ट (अपक्षीण, ज्वाईंटेड इत्यादि) |
0.02 |
0.07 से 0.13 |
5. |
अपक्षीण ग्रेनाइट एवं समान चट्टानें |
0.01 से 0.015 |
0.06 से 0.08 |
6. |
क्वार्टजाइट तथा कठोर विन्ध्यन सेंडस्टोन |
0.01 से 0.015 |
0.06 |
7. |
फिलाइट एवं शेल |
0.01 से 0.015 |
0.04 |
स्रोत - मध्य प्रदेश का भूजल आकलन प्रतिवेदन, 2012, पेज 24
भूजल की दोहन की जा सकने वाली मात्रा का आकलन निम्न सूत्र की मदद से किया जाता है -
प्राकृतिक रीचार्ज (हेक्टेयर मीटर) ग स्पेसिफिक इल्ड = सम्भावित सकल दोहन (हेक्टेयर मीटर) = 76.24 ग 0.03 = 2.287 (हेक्टेयर मीटर में)
ई. पानी की शेष आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये नई संरचनाओं के प्रस्ताव एवं उनकी सम्भावित जल क्षमता का अनुमान
अनहोनी ग्राम में गेहूँ का सिंचित रकबा 20.263 हेक्टेयर एवं चने का सिंचित रकबा 35.215 हेक्टेयर है। यह सिंचाई पूर्व निर्मित छः तालाबों से की जाती है। ग्रामीणों के सुझाव अनुसार अनहोनी ग्राम की असिंचित भूमि (तालिका पाँच) की सिंचाई की जाना है। असिंचित भूमि और पेयजल तथा निस्तार आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये 15.09 हे.मी. पानी की आवश्यकता है। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिये दो स्टापडैम, एक आरएमएस और 6 नए तालाब प्रस्तावित हैं। इसके अलावा कंटूर ट्रेंच (6000 मीटर सीसीटी, 1500 मीटर सीपीटी) प्रस्तावित सतही संरचनाएँ तथा उनकी सम्भावित क्षमता का विवरण निम्नानुसार है-
सतही जल संरचनाओं में जल संग्रह (क्षमता) का अनुमान
तालिका नौ (अ)
क्र. |
संरचना का नाम |
जल भराव क्षेत्र का विवरण |
जल की मात्रा (हे.मी.) |
1. |
स्टापडैम-1 |
15m X 185m X 1.2m |
0.333 |
2. |
स्टापडैम-2 |
18m X 155m X 1.15m |
0.321 |
3. |
आर.एम.एस. |
10m X 100m X 0.8m |
0.08 |
4. |
तालाब-1 |
40m X 178m X 1.5m |
1.06 |
5. |
तालाब-2 |
45m X 142m X 1.2m |
0.76 |
6. |
तालाब-3 |
42m X 160m X 1.3m |
0.87 |
7. |
तालाब-4 |
40m X 150m X 1.4m |
0.84 |
8. |
तालाब-5 |
43m X 165m X 1.25m |
0.88 |
9. |
तालाब-6 |
38m X 145m X 1.2m |
0.66 |
10. |
तालाब से गाद निकालना |
40m X 30m X 1m |
0.12 |
11. |
तालाब मरम्मत |
40m X 30m X 1m |
0.12 |
12. |
तालाब मरम्मत |
80m X 30m X 1m |
0.24 |
|
कुल योग |
6.284 |
प्रस्तावित संरचनाओं की सम्भावित भूजल रीचार्ज क्षमता का विवरण निम्नानुसार है-
तालिका 9 (ब) कंटूर ट्रेंचों की भूजल रीचार्ज क्षमता का अनुमान
क्र. |
संरचना का नाम |
जल भराव क्षेत्र का विवरण |
जल की मात्रा (हे.मी.) |
1 |
कंटूर ट्रेंच (सी.सी.टी.) |
6000m X 0.45m X 0.45m |
0.12 |
2. |
कंटूर ट्रेंच (सी.पी.टी.) |
1500m X 0.45m X 0.45m |
0.03 |
|
कुल योग |
0.15 |
तालिका 9 (स) अन्य संरचनाओं से भूजल रीचार्ज का अनुमान
क्र. |
भूजल रीचार्ज के अन्य स्रोत |
मान की सीमा |
भूजल रीचार्ज की इकाई |
1. |
नहरों से गैर मानसून अवधि में रिचार्ज |
पक्की नहर (Lined Canal) |
हेक्टेयर मीटर प्रतिदिन प्रति दस लाख वर्ग मीटर जल सम्पर्क क्षेत्र के लिये |
2. |
सतही जल सिंचाई से गैर मानसून अवधि में रीचार्ज |
0.20 से 0.30 |
|
3. |
भूजल स्रोत की सिंचाई से गैर मानसून अवधि में रीचार्ज |
0.15 से 0.25 |
संख्या |
4. |
तालाब, पोखर इत्यादि से रीचार्ज |
0.00144 |
मीटर प्रतिदिन प्रति हेक्टेयर |
5. |
जल संरक्षण एवं जल संवर्धन संरचनाओं से भूजल रीचार्ज |
सकल जल संग्रहण क्षमता का लगभग 50 प्रतिशत |
हेक्टेयर मीटर में |
स्रोत - मध्य प्रदेश का भूजल आकलन प्रतिवेदन, 2012, पेज 24
नोट - वर्षाकाल में कंटूर ट्रेंचों को भरने वाले पानी का स्रोत रन ऑफ है। वे करीब तीन बार भरेंगी अतः उनसे होने वाले भूजल रीचार्ज की मात्रा, उनके आयतन का तीन गुना सम्भावित है। अतः सकल रीचार्ज 0.45 हेक्टेयर मीटर होगा। इसे प्राकृतिक रीचार्ज में जोड़ा जा सकता है।
नोट - सतही जल संरक्षण तथा संवर्धन संरचनाओं से होने वाला अधिकतम रीचार्ज संरचना की जल संग्रहण क्षमता का 50 प्रतिशत पानी (स्रोत - मध्य प्रदेश का भूजल आकलन प्रतिवेदन, 2012, पेज 24) होता है। यह मात्रा जमीन में रिसेगी और उसे प्राकृतिक रीचार्ज में जोड़ा जाएगा।
खेतों पर बरसे पानी का कुछ भाग जमीन में रिसता है तथा कुछ भाग रन ऑफ के रूप में खेत से बाहर जाता है। इन दोनों घटकों की पूर्व में गणना की जा चुकी है। मेढ़बन्दी के कारण अतिरिक्त रीचार्ज का आकलन निम्नानुसार किया जा सकता है-
यदि खेत में धान की फसल लगी है तथा खेतों से पानी की निकासी नहीं की जाती तो धान के समस्त खेतों में जमा पानी का 50 प्रतिशत पानी, अतिरिक्त रूप से जमीन में रिसेगा जिसे प्राकृतिक रीचार्ज में जोड़ा जा सकता है। यदि खेतों से पानी की आंशिक निकासी की जाती है तो शेष बचे बाकी पानी की मात्रानुसार गणनाएँ की जाएँ।
यदि खेत में खरीफ फसल लगी है तथा खेतों से पानी की निकासी के लिये निकास द्वार (Outlet) बनाए गए हैं तो ऐसे खेतों पर बरसे पानी से होने वाले प्राकृतिक रीचार्ज और रन ऑफ की दुबारा गणना की आवश्यकता नहीं है। ये गणनाएँ पूर्व में गणना की जा चुकी है।
जल परियोजनाओं की नहरों से होने वाले रिसाव के कारण होने वाले रीचार्ज, रबी के मौसम में फ्लड इरीगेशन विधि से होने वाली सिंचाई, कुओं एवं नलकूपों से रबी के मौसम में फ्लड इरीगेशन विधि से होने वाली सिंचाई, तालाबों, पोखरों इत्यादि की तली से रीचार्ज एवं जल संरक्षण के लिये निर्मित संरचनाओं के मान ऊपर तालिका 9 (स) अन्य संरचनाओं से भूजल रीचार्ज में दिया गया है। उनका आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाये।
अनहोनी ग्राम में नहरें नहीं है। सिंचाई परियोजनाओं की नहरें नही हैं तथा भूजल सिंचाई नगण्य है इसलिये तालिका 9 (स) का उपयोग नहीं किया है।
भूजल की उपलब्धता का अनुमान
अनहोनी में प्राकृतिक भूजल रिचार्ज 76.24 हे.मी. एवं कंटूर ट्रेंचों से होने वाला कृत्रिम भूजल रीचार्ज 0.45 हे.मी. अर्थात सकल रीचार्ज 76.69 हे.मी. है। भूजल दोहन की मात्रा निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात की जाती है-
प्राकृतिक सकल भूजल रिचार्ज ग स्पेसिफिक इल्ड = 76.24 x 0.03
भूजल दोहन की सम्भावित मात्रा = 2.287 हे.मी.
प्रस्तावित भूजल रीचार्ज संरचनाओं के निर्माण तथा प्राकृतिक रीचार्ज के कारण लगभग 2.287 हेक्टेयर मीटर भूजल का दोहन सम्भावित है। रीचार्ज के कारण जल उपलब्धता में वृद्धि होगी। कुओं और नलकूप की पानी देने की अवधि में वृद्धि होगी, अधिक पानी मिलेगा जिसके कारण अधिक रकबे में सिंचाई सम्भव होगी। सम्भावना है कि यथास्थिति के चलते मौजूदा कुएँ और नलकूप बारहमासी हो जाएँ। इसके अतिरिक्त भूजल भण्डारों को अधःस्थल जल प्रवाह (Sub-surface underground inflow in the basin) का भी लाभ मिलेगा।
गाँव में उपलब्ध सकल जल (सतही एवं भूजल) = रन-आफ की शेष मात्रा+भूजल की दोहन की जा सकने वाली मात्रा = 71.60+2.287 = 373.887 हे.मी.
ग्राम में पानी की सकल उपलब्धता 373.887 हे.मी. और आवश्यकता 15.09 हे. मी. है अर्थात ग्राम में जल की उपलब्धता, आवश्यकता पूर्ति के लिये पर्याप्त है।
प्रस्तावित संरचनाओं में जल की उपलब्धता का अनुमान
1. सतही जल उपलब्धता : 6.284 हे.मी. (तालिका नौ)
2. भू-जल की उपलब्धता : 2.287 हे.मी.
योग : 8.571 हे.मी.
प्रस्तावित संरचनाओं से 8.571 हे.मी. पानी उपलब्ध कराया जा पा रहा है। यह प्रयास अधूरा है। इन संरचनाओं के बनने के बाद भी अनहोनी में पानी की कमी रहेगी। अतः शेष 6.519 हे.मी. पानी की व्यवस्था के लिये अतिरिक्त प्रयास किये जाएँ। ग्राम में जमीन की कमी नहीं है अतः नए तालाब खोदे जाएँ।
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