गोरखपुर जिले के गाँवों के पास पुरस्कार पाने का अच्छा अवसर है। देशभर में चलाए जा रहे स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-18 के तहत जिले के तीन सबसे साफ-सुथरे गाँवों को जिला प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। ‘पहला स्थान पाने वाले गाँव को एक करोड़ रुपए जबकि दूसरा स्थान पाने वाले गाँव को 75 लाख रुपए और तीसरे पुरस्कार विजेता को 50 लाख रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जायेगी।’
एक अगस्त, 2018 को चारगाँववाँ ब्लॉक में वृहद स्वच्छता अभियान और स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी-18) का उद्घाटन करते हुए यह घोषणा की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, चारगाँववाँ के ब्लॉक प्रमुख श्री सुनील पासवान, कई ग्राम प्रधान और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने हाल में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018 की शुरुआत की है जिसके तहत देश के सभी जिलों को स्वच्छता के गुणात्मक और संख्यात्मक मानदंडों के आधार पर वर्गीकृत किया जाना है। वर्गीकरण के इन विस्तृत मानदंडों में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (IMIS) से प्राप्त आँकड़ों, स्कूलों आँगनवाड़ियों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हाट बाजारों तथा पंचायतों जैसे सार्वजनिक स्थानों के जिला-स्तरीय सर्वेक्षण, स्वच्छता के बारे में नागरिकों की धारणाओं एवं कार्यक्रम में सुधार करने के लिये उनकी सिफारिशों को आधार बनाया जाएगा।
इसके अन्तर्गत एक स्वतंत्र सर्वेक्षण एजेंसी 1 अगस्त से 31 अगस्त, 2018 तक सभी जिलों में सर्वेक्षण करेगी। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये राज्यों और जिलों ने अभियान शुरू कर दिया है। इनके द्वारा समुदायों को इस अभियान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस जारूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को साफ-सफाई के लिये प्रेरित करना है।
गोरखपुर में इसके लिये सफाई कर्मचारियों को वर्दियाँ उपलब्ध कराई गई हैं ताकि सामुदायिक-स्तर पर उनकी पहचान बन सके और उन्हें लोगों का सहयोग मिले। सेनिटेशन किट भी बाँटे गये हैं जिनमें कूड़ा ले जाने वाली ट्रॉली, डस्टबिन और फॉगिंग मशीन आदि शामिल हैं।
जिले में 23 जुलाई से 28 जुलाई, 2018 तक जिले के सभी ब्लॉकों में अभिविन्यास सत्र आयोजित किया गया जिसमें जिला ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर के सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा जिला-स्तर की एक बैठक और सफाई कर्मचारियों का अभिविन्यास सत्र भी आयोजित किया गया ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में उनकी भूमिका के प्रति उन्हें जागरूक किया जा सके।
गोरखपुर के जिला स्वच्छ भारत प्रेरक श्री प्रदीप अग्रहरि ने बताया है कि पूरे जिले में सभी 1352 ग्राम पंचायतों में स्वच्छता कार्य की निगरानी और पुष्टि करने के लिये ब्लॉक स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किये जा चुके हैं। 6 अगस्त, 2018 को जिलाधिकारी और सीडीओ ने नोडल अधिकारियों की बैठक आयोजित की जिसमें स्वच्छता अभियान में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया। सर्वेक्षण कराने के लिये उन्हें प्रश्नावलियाँ उपलब्ध कराई गईं और स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 तथा स्वच्छ भारत मिशन -ग्रामीण के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि अभियान में 500 स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटर्न भी अपना योगदान कर रहे हैं।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटर्न की एक टीम विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा ले रही है। ये लोग दीवारों की पुताई करने, कूड़े के निपटान, शौचालयों के सर्वेक्षण, स्कूली छात्रों को हाथ धोने के बारे में जागरूक करने, फोकस ग्रुप चर्चाओं, गोरखपुर के चारगाँववाँ ब्लॉक की मुडेला ग्राम पंचायत में जागरूकता रैलियों के आयोजन जैसे कार्य कर रहे हैं। इस ब्लॉक को 15 अगस्त, 2018 को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया।
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