गोमती की सहायक भैंसी नदी पर अवैध कब्जा एवं नदी को पाटने की कोशिश

‘मानसी’ संस्था द्वारा नदी बचाने का सराहनीय प्रयास


भैंसी नदी में अवैध खनन व कब्जे को देखते हुए पर्यावरण पर राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही संस्था ग्लोबल ग्रीन्स ने अपनी सहयोगी संस्था ‘मानसी’ के साथ मिलकर इस मुद्दे को उठाया है गांव वालों एवं संस्था की तरफ से स्थानीय पदाधिकारियों से शिकायत करने पर एस.डी.एम. पुवांया की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी शाहजहांपुर ने सुखबीर एग्रो एनर्जी पर दो लाख रुपए का जुर्माना अवैध मिट्टी खनन के लिए लगाया है।

शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश। नदियां न केवल जल का प्रमुख स्रोत होती हैं वरन उस राष्ट्र, समाज एवं क्षेत्र की संस्कृति होती है। गंगा पूरे भारत राष्ट्र नदी की वैश्विक पहचान है उसी प्रकार अन्य नदियां अपने क्षेत्र विशेष में जानी पहचानी जाती हैं। उ.प्र. में गोमती नदी की सहायक भैंसी नदी जो शाहजहांपुर जिले के पुवांया तहसील में बहती है यह नदी बंडा क्षेत्र से जसवंतपुर तक बहती हुई गोमती नदी में समा जाती है। इन छोटी नदियों का दर्द वैसे ही रहता है कि पानी की मात्रा की कमी एवं प्रवाह में कमी तो रहती है एवं सिंचाई के लिए इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है ऊपर से इनके अतिक्रमण का भी खतरा मंडराता रहता है। पुवांया तहसील में खुटार रोड पर भैंसी नदी के किनारे निर्माणाधीन एग्रो एनर्जी लिमिटेड भी अन्य फैक्ट्रियों की तरह नदी के तटीय क्षेत्र पर कब्जा करने में संलग्न है। सुखबीर एग्रो एनर्जी ने एक नदी को पाटना शुरू कर दिया है।

इस फैक्ट्री के कार्यक्षेत्र में नदी के आने से अवरोध आ रहा है। अतः फैक्ट्री के संचालक ने मिट्टी डालकर पटवाना शुरू कर दिया है। गांव के स्थानीय समूहों का कहना है कि लगभग 15 किलोमीटर की नदी को मिट्टी से पाट दिया गया है और उसके अविरल प्रवाह को अवरूद्ध कर दिया है। इस कार्यवाही से गांव वालों में रोष है और विरोध करने पर उन्हें फैक्ट्री के गार्ड व दबंग लोग धमकाते हैं। उनके द्वारा किए जा रहे इस कार्य से पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है। आस-पास के पेड़ उखाड़े जा रहे हैं पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र प्रभावित हो रहे हैं। फैक्ट्री के संचालक ने भी काफी पेड़ कटवा दिए हैं।

सुखबीर एग्रो एनर्जी कंपनी के पास से नाले के रूप में बहती भैंसी नदी इनसेट में मानसी के अध्यक्ष साधना श्रीवास्तवसुखबीर एग्रो एनर्जी कंपनी के पास से नाले के रूप में बहती भैंसी नदी इनसेट में मानसी के अध्यक्ष साधना श्रीवास्तवभैंसी नदी में अवैध खनन व कब्जे को देखते हुए पर्यावरण पर राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही संस्था ग्लोबल ग्रीन्स ने अपनी सहयोगी संस्था ‘मानसी’ के साथ मिलकर इस मुद्दे को उठाया है गांव वालों एवं संस्था की तरफ से स्थानीय पदाधिकारियों से शिकायत करने पर एस.डी.एम. पुवांया की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी शाहजहांपुर ने सुखबीर एग्रो एनर्जी पर दो लाख रुपए का जुर्माना अवैध मिट्टी खनन के लिए लगाया है। इन सभी बातों की विस्तृत रिपोर्ट मिलने व मीडिया में इस खबर के उल्लेखित होने के बाद ‘मानसी’ संस्था की अध्यक्ष साधना श्रीवास्तव जो महिलाओं के अधिकारों व पर्यावरण संरक्षण का कार्य कर रही हैं ने अपनी टीम एवं ग्लोबल ग्रीन्स के पदाधिकारियों के साथ पूरे क्षेत्र का दौरा किया स्थानीय गांववासियों एवं एग्रो एनर्जी फैक्ट्री के स्थानीय पदाधिकारियों से वार्ता में यह सामने आया कि पूरी घटना में वास्तविकता है और फैक्ट्री के निर्माण कार्य के बहाने भैंसी नदी के एक बड़े भाग को पाटा जा रहा है और नदी पर कब्जा किया जा रहा है।

फैक्ट्री के पदाधिकारियों ने साधना श्रीवास्तव से नदी के सीमांकन कराने की बात एवं हरियाली बनाने की बात कही। फैक्ट्री के कुछ छोटे स्तर के पदाधिकारियों ने प्रलोभन की बात भी की। स्थानीय पदाधिकारी सीमा सिंह ने कहा कि यदि भैंसी नदी पर से कब्जा नहीं हटाया गया और हरियाली नहीं लाई गई तो नदी के लिए जनादोंलन होगा। साधना श्रीवास्तव ने स्थानीय पदाधिकारियों से एवं जिलाधिकारी से लिखित शिकायत भी की है और उचित कार्यवाही व सीमांकन कराने की बात की है। जिलाधिकारी महोदय ने ‘मानसी’ संस्था की शिकायत पर ए.डी.एम. को जांच करने का निर्देश जारी किया।

सुखबीर एग्रो एनर्जी कंपनी द्वारा भैंसी नदी को मिट्टी से पाटा जा रहा हैसुखबीर एग्रो एनर्जी कंपनी द्वारा भैंसी नदी को मिट्टी से पाटा जा रहा है‘मानसी संस्था’ की अध्यक्ष साधना जी ने ‘ग्लोबल ग्रीन्स’ संस्था के अध्यक्ष व संपादक जो नदी संरक्षण पर कार्य कर रहे हैं व पर्यावरणविद् हैं साथ ही पर्यावरण की विधिक जानकारी रखते हैं एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा यमुना के लिए जनहित याचिका भी कर रखा है से इस पूरे प्रकरण पर फोन पर वार्ता की जिसमें सब बातों को जानकर उन्होंने ‘मानसी’ की अध्यक्ष को कहा कि पूरे प्रकरण की जांच स्थानीय स्तर पर करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण मंत्रालय से भी की जाएंगी और यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि सुखबीर एग्रो एनर्जी कंपनी को अपने कार्यवाही की NOC पर्यावरण मंत्रालय से मिल चुकी है कि नहीं। आवश्यकता पड़ने पर विधिक कार्यवाही भी की जाएगी। इस मुद्दे पर शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो ‘ग्लोबल ग्रीन्स’ ‘मानसी’ संस्था एवं स्थानीय जल समुदाय के साथ मिलकर नदी पर से अवैध कब्जा हटाएगा एवं इस पर जनांदोलन भी किया जाएगा।

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