विधि संवाददाता, इलाहाबाद : गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रही इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक भूषण तथा न्यायमूर्ति अरुण टंडन की खंडपीठ ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नियुक्त प्रदेश के महाधिवक्ता एसपी गुप्ता को अब तक जारी निर्देशों की जानकारी दी और कहा कि सरकार कई बार समय दिए जाने के बावजूद अपना रुख स्पष्ट नहीं कर सकी है। महाधिवक्ता ने न्यायालय को निर्देशों के अनुपालन मामले को स्वयं देखने का आश्वासन दिया।
खंडपीठ ने महाधिवक्ता से कहा कि गंगा की मुख्य धारा में 50 फीसदी पानी बहाव का निर्देश दिया गया है। सरकार बताए कि वह मुख्य धारा प्रवाह में कितना पानी छोड़ेगी। साथ ही बताया कि बालू खनन योजनाबद्ध तरीके से मुख्य धारा से किया जाय। न्यायालय ने इलाहाबाद में गंगा पर घाट बनाने की योजना मांगी है। साथ ही कहा कि इलाहाबाद की सीवर लाइन व्यवस्था सहित सड़कों व नालियों की बहाली की जाए। न्यायालय ने यह भी कहा कि सिविल लाइंस में चौराहों पर मकान कर्व होते थे और अब चौकोर बन रहे हैं। जो योजना के विपरीत है। न्यायालय ने कानपुर में एसटीपी के ठीक से काम न करने तथा गंदा पानी सीधे गंगा में जाने पर कार्यवाही करने को कहा।
चर्म उद्योगों के बाबत नेशनल लेदर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट पेश होने पर कार्ययोजना के निर्माण में केंद्र व राज्य सरकार के अंशदान की जानकारी मांगी है। साथ ही यह पूछा है कि 2013 में होने वाले कुंभ मेले के लिए बजट का 70 फीसदी राज्य सरकार किस प्रकार उपलब्ध कराएगी। न्यायालय ने पूछा कि यदि संबंधित विभागों के बजट से कुंभ का पैसा लिया जाएगा तो क्या विभागों की परियोजनाएं विफल नहीं होगी। सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया। न्यायालय को अपर महाधिवक्ता एसजी हसनैन व एसपी केसरवानी अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने बताया कि नारायणी आश्रम पर पक्का घाट बनेगा।
न्यायालय ने संगम घाट योजना की जानकारी हलफनामे के जरिए मांगी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता डॉ. एचएन त्रिपाठी ने बताया कि 5 टेनरियों को बंद किया गया है। कानपुर में गंदा पानी सीधे गंगा में आ रहा है। न्यायालय ने गंदा पानी शोधन करने के हलफनामे पर संतोषजनक नहीं माना और कहा पानी सफाई की योजना प्रस्ताव लाए। न्यायालय ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता अजय भनोट को छावनियों में स्वयं का एसटीपी लगाने का निर्देश दिया। एमेकस क्यूरी अरुण गुप्ता व शैलेष सिंह ने न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना की जानकारी दी। न्यायालय ने शहर की सड़क, नाली बहाली व सीवर व्यवस्था पर कमिश्नर की रिपोर्ट पेश करने को कहा। सरकार की तरफ से बताया गया कि कुंभ के लिए केंद्र से 90 फीसदी अनुदान मांगा गया है। न्यायालय ने केंद्र के अधिवक्ता से इस बावत जानकारी मांगी है।
खंडपीठ ने महाधिवक्ता से कहा कि गंगा की मुख्य धारा में 50 फीसदी पानी बहाव का निर्देश दिया गया है। सरकार बताए कि वह मुख्य धारा प्रवाह में कितना पानी छोड़ेगी। साथ ही बताया कि बालू खनन योजनाबद्ध तरीके से मुख्य धारा से किया जाय। न्यायालय ने इलाहाबाद में गंगा पर घाट बनाने की योजना मांगी है। साथ ही कहा कि इलाहाबाद की सीवर लाइन व्यवस्था सहित सड़कों व नालियों की बहाली की जाए। न्यायालय ने यह भी कहा कि सिविल लाइंस में चौराहों पर मकान कर्व होते थे और अब चौकोर बन रहे हैं। जो योजना के विपरीत है। न्यायालय ने कानपुर में एसटीपी के ठीक से काम न करने तथा गंदा पानी सीधे गंगा में जाने पर कार्यवाही करने को कहा।
चर्म उद्योगों के बाबत नेशनल लेदर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट पेश होने पर कार्ययोजना के निर्माण में केंद्र व राज्य सरकार के अंशदान की जानकारी मांगी है। साथ ही यह पूछा है कि 2013 में होने वाले कुंभ मेले के लिए बजट का 70 फीसदी राज्य सरकार किस प्रकार उपलब्ध कराएगी। न्यायालय ने पूछा कि यदि संबंधित विभागों के बजट से कुंभ का पैसा लिया जाएगा तो क्या विभागों की परियोजनाएं विफल नहीं होगी। सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया। न्यायालय को अपर महाधिवक्ता एसजी हसनैन व एसपी केसरवानी अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने बताया कि नारायणी आश्रम पर पक्का घाट बनेगा।
न्यायालय ने संगम घाट योजना की जानकारी हलफनामे के जरिए मांगी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता डॉ. एचएन त्रिपाठी ने बताया कि 5 टेनरियों को बंद किया गया है। कानपुर में गंदा पानी सीधे गंगा में आ रहा है। न्यायालय ने गंदा पानी शोधन करने के हलफनामे पर संतोषजनक नहीं माना और कहा पानी सफाई की योजना प्रस्ताव लाए। न्यायालय ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता अजय भनोट को छावनियों में स्वयं का एसटीपी लगाने का निर्देश दिया। एमेकस क्यूरी अरुण गुप्ता व शैलेष सिंह ने न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना की जानकारी दी। न्यायालय ने शहर की सड़क, नाली बहाली व सीवर व्यवस्था पर कमिश्नर की रिपोर्ट पेश करने को कहा। सरकार की तरफ से बताया गया कि कुंभ के लिए केंद्र से 90 फीसदी अनुदान मांगा गया है। न्यायालय ने केंद्र के अधिवक्ता से इस बावत जानकारी मांगी है।
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