2015-16 जल क्रान्ति वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरोत्थान मन्त्री सुश्री उमा भारती ने आज कहा कि वर्ष 2015-16 को देशभर में ‘जल क्रान्ति वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। तीसरे भारत जल सप्ताह के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन देश के प्रत्येक जिले में किया जाएगा और जल को बचाने तथा संरक्षित करने के सभी प्रयास किए जाएँगे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस महान अभियान में सभी राज्य सरकारें उनके साथ हैं। जल संरक्षण को एक वास्तविक जन आन्दोलन बनाने की प्रधानमन्त्री की अपील का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों को इस ध्येय के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करना चाहिए।
सुश्री भारती ने यमुना के पुनरोत्थान के लिए जोरदार वकालत करते हुए कहा कि नदियों को आपस में जोड़े जाने के मामले में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और यमुना-शारदा सम्पर्क और नेपाल की पंचेश्वर परियोजना के माध्यम से आने वाले वर्षों में यमुना में और अधिक जल का प्रवाह होगा। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल की अपनी यात्रा के दौरान पंचेश्वर मुद्दे को काठमाण्डू में सर्वोच्च अधिकारियों के सामने उठाया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष तक मुम्बई नगर को भी नदियों को आपस में जोड़े जाने के जरिए पीने का पानी प्राप्त हो जाएगा। स्वच्छ गंगा अभियान पर उन्होंने जोर देकर कहा कि बिजली माफिया को कुचल दिया जाएगा और उन्हें इस पवित्र नदी की हत्या करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरोत्थान राज्य मन्त्री प्रो. सांवर लाल जाट ने इस अवसर पर अधिकतम सिंचाई के लिए जल संसाधनों के लिए अधिकतम उपयोग की जरूरत रेखांकित की। उन्होंने सभी साझीदारों और आम लोगों से लघु संरक्षण पद्धतियों के जरिए भूजल को दोबारा उपयोग में लाने के लिए कदम उठाने की अपील की।
आस्ट्रेलिया के जल आयोग के कार्यवाहक सीईओ रिचड मैकलोघ्लिन ने अपने सम्बोधन में कहा कि दोनों देश जल बाजारों, जल सारणी की पुनर्बहाली, नदी-घाटी योजना और सिंचाई जल प्रबन्धन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के साथ-साथ स्वच्छ गंगा अभियान और जल प्रबन्धन जैसे क्षेत्रों में भी आपस में सहयोग कर सकते हैं।
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