केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री उमा भारती ने मुख्यमन्त्री के साथ की बैठक गंगा घाटों का भी किया निरीक्षण
पटना। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मन्त्री सुश्री उमा भारती ने आज अपने आला अधिकारियों की टीम के साथ राज्य के मुख्यमन्त्री श्री जीतन राम मांझी और राज्य के आला अधिकारियों से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद मुख्यमन्त्री एवं केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री ने पत्रकारों के साथ संयुक्त रूप से वार्ता की। मुख्यमन्त्री जीतन राम मांझी ने बताया कि सिंचाई से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बैठक मेें बातें हुई हैं। नेपाल एवं मध्य प्रदेश से आने वाली नदियों के कारण राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति पर चर्चा की गई। सारी समस्याओं का निदान आवश्यक है। पन्द्रह दिनों के बाद बिहार के सिंचाई मन्त्री दिल्ली जाएँगे और वहाँ पर केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कर बिहार की लम्बित सिंचाई योजनाओं के निस्तार की कार्रवाई के लिये केन्द्र का ध्यान आकृष्ट करेंगे। मुख्यमन्त्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उमा भारती ने कार्य के प्रति जो भावना दिखाई है, उससे वे सन्तुष्ट हैं।
हमलोगों ने उनके समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने हमलोगों से आगे बढ़कर हमारी बातों पर ध्यान दिया और कहा कि ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ। उन्होंने सभी बिन्दुओं पर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है। हम उनकी भावनाओं के लिये उन्हें धन्यवाद देते हैं।
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मन्त्री सुश्री उमा भारती ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि मुख्यमन्त्री जी ने जो बातें कही है, उससे वे सन्तुष्ट हैं। बाढ़ एवं सुखाड़ से निदान के लिये जल मन्थन के नाम से बैठक किया था और बहुत सारे संशोधन कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई योजनाओं का लाभ कई राज्यों को नहीं मिल पाता है, इसके लिये तत्परता से उनका विभाग कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री ने गंगा में गाद के निवारण और प्रदूषण की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। प्रदूषण निवारण के लिये पाँच सौ करोड़ रुपए बिहार को दिया है और पाँच सौ करोड़ रुपए दी जाएगी। बिहार वह राज्य है, जिसने गंगा प्रदूषण के लिये सबसे पहले स्टेप्स की तैयारी कर ली है। बिहार बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित रहता है। यहाँ पर लम्बे समय तक बाढ़ रहता है। बाकी की योजना का भी निस्तारण कर लेंगे। जरूरत पड़ी तो नीति आयोग में भी चर्चा करेंगे। मुझे यहाँ आना और मुख्यमन्त्री जी के साथ बैठक करना अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री जी का कहना है कि राजनीति को एक तरफ रखकर साढ़े चार साल तक विकास की बात होनी चाहिये। राज्य को पूरा सहयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की सभी पहल में वे पूरा सहयोग करेंगी और राज्य में बाढ़ एवं सुखाड़ की उत्पन्न समस्या का निराकरण कराएँगी।
बाद में मुख्यमन्त्री श्री जीतन राम मांझी एवं केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री सुश्री उमा भारती ने मुख्यमन्त्री सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि मुख्यमन्त्री के साथ बात करने के बाद वे समाधान पर पहुँची हैं। गुजरात ने जल प्रबन्धन कर अपनी समस्याओं पर नियन्त्रण पा लिया है। बिहार में जल प्रबन्धन की बहुत जरूरत है। जल प्रबन्धन कर बाढ़ एवं सुखाड़ की समस्या का हल हो सकता है। उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण मुक्ति के लिये बहुत अच्छी पहल यहाँ की गयी है। गंगा के पानी का समुचित उपयोग होना चाहिए। डिसिल्टेशन एवं प्रदूषण का निवारण करेंगे, जिस समस्याओं का समाधान हमारे विभाग से होना है, वह कराई जाएगी। बाकी बातों के लिये नीति आयोग से अनुरोध करेंगे।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि केन्द्रीय मन्त्री ने बिहार आकर जल समस्या के निदान के लिये हमारी समस्याओं को जाना। जो बातें कह रहे हैं, वह केन्द्र से सम्बन्धित है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि नेपाल में हाईडैम बनना चाहिये। केन्द्र सरकार से हमारी जो अपेक्षा है, उसे लिखकर दें। अपना-अपना प्रतिवेदन बनाकर केन्द्र को भेजें। उन्होंने कहा कि आज की बैठक ऐतिहासिक मानी जाएगी। उन्होंने फल्गू नदी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेने के लिये कहा और कहा कि प्रस्ताव बनाकर दें। राज्य में गंगा नदी में प्रदूषण कम करने के लिए सक्रिय केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मन्त्रालय ने बिहार में बेउर और कर्माली चक पर एक-एक एसटीपी और एक-एक सीवेज नेटवर्क के निर्माण के लिए कुल 558 करोड़ रुपए की परियोजना की स्वीकृति प्रदान की है। सैदपुर में एक एसटीपी और एक सीवेज नेटवर्क के लिए केन्द्र के स्तर पर कुल 453.56 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं।
केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मन्त्री ने कहा कि पटना में गंगा नदी की धारा को तट तक लाने के लिए नदी की ड्रेजिंग को लेकर केन्द्र सरकार लगातार सक्रिय है और शीघ्र ही इस पर अमल किया जाएगा ताकि शहर के तट तक गंगा का जल आ सके।
बिहार में अन्तरराज्यीय नदियों को जोड़ने की परियोजना के तहत् तीन लिंकों पर तेजी से कार्य चल रहा है जिनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। इसके तहत् पहला लिंक- बूढ़ी गण्डक- नून बया-गंगा लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 4214 करोड़ रुपया है। दूसरा लिंक- कोसी-मेची लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 2903 करोड़ रुपया है। तीसरा लिंक-सकरी-नाटा लिंक है जिसकी अनुमानित लागत 572 करोड़ रुपया है।
जहाँ एक ओर बिहार का उत्तरी हिस्सा बाढ़ की चपेट में रहता है वहीं दूसरी ओर राज्य का दक्षिणी हिस्सा सूखे की चपेट में रहता है। कोसी पर कोई ऐसी परियोजना बने जिससे उत्तर में बाढ़ के प्रभाव कम किया जा सके और दक्षिण को पानी मिल सके। इसके लिए केन्द्र सरकार की तरफ से राज्य को हरेक प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया। केन्द्रीय मन्त्री ने भरोसा दिया है कि तीर्थ बोधगया में मोक्षदायिनी फल्गू नदी में प्रदूषण को समाप्त किया जाएगा
बैठक को जल संसाधन मन्त्री श्री विजय कुमार चौधरी ने भी सम्बोधित किया और बिहार की समस्याओं से वाक़िफ़ कराया। बैठक में सचिव सिंचाई श्री दीपक कुमार सिंह तथा केन्द्रीय जल संसाधन विभाग के कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बाद में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मन्त्री केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मन्त्री सुश्री उमा भारती ने राज्य के जल संसाधन मन्त्री श्री विजय कुमार चौधरी के साथ पटना नगर के गंगा घाटों पर नगर विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का स्थल निरीक्षण भी किया।
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