गंगा की 7,000 करोड़ से होगी सफाई

नई दिल्ली। गंगा नदी की सफाई के लिए 7,000 करोड़ रुपए की परियोजना मंजूर की गई है। इसे राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण लागू करेगा। इसमें 5,100 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और शेष 1,900 करोड़ रुपए उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारें वहन करेंगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। विश्व बैंक इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार को एक अरब डॉलर (करीब 4,600 करोड़ रुपए) की कर्ज सहायता मुहैया कराने पर सिद्धंतत: सहमत हैं।

गंगा सफाई परियोजना की अवधि आठ वर्ष तय की गई है। इसके तहत किए जाने वाले कार्यों में गंगा नदी घाटी में पर्यावरणीय नियमों का सख्ती से पालन, नगर निकायों के गंदे पानी के नालों, औद्योगिक प्रदूषण, कचरे व नदी के आसपास के इलाकों का बेहतर और कारगर प्रबंधन शामिल हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले इस प्राधिकरण का उद्देश्य व्यापक योजना और प्रबंधन के जरिए गंगा नदी का संरक्षण करना है। इसका गठन फरवरी 2009 में हुआ था।

नया एमसीआई अध्यादेश


मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के संचालक मंडल का कार्यकाल एक साल और बढ़ाने के लिए नए अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के विदेश दौरे बावजूद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट ने गुरुवार को इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अगले हफ्ते तक इस नए अध्यादेश को राष्ट्रपति के मंजूरी मिलने की संभावना है। सरकार ने एक अध्यादेश द्वारा एमसीआई में 7 सदस्यीय संचालक मंडल का गठन किया था। इस साल 13 मई को इस संचालक मंडल का कार्यकाल खत्म हो रहा है। यही वजह है कि सरकार को दोबारा से नए अध्यादेश की दरकार पड़ी है।

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