हमारे भोजन में फूड एडिटिव्स का उपयोग इतना अधिक बढ़ गया है कि ये अब हमारे आहार का अभिन्न अंग बन गए हैं। मौजूदा दौर में ऐसे पदार्थ, जो किसी खाद्य समाग्री में उसकी सुरक्षा, ताजगी, स्वाद और टेक्सचर को बढ़ाने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं, उन्हें फूड एडिटिव्स कहा जाता है। कुछ फूड एडिटिव्स को लंबे समय तक इस्तेमाल करने और सेहत पर उनका दुष्प्रभाव न हो, इसके लिए भी यह प्रक्रिया अपनाई जाती है। लेकिन फिर भी आप इनसे होने वाले नुकसान से बच नहीं सकती हैं।
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क्यों होता है उपयोग
फूड एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल आमतौर पर भोजन के स्वाद, बनावट और रंग को संरक्षित करने के साथ-साथ उसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए किया जाता है। फूड एडिटिव्स आमतौर पर सिंपल शुगर, साल्ट और एसिड से लेकर मानव निर्मित केमिकल तक हो सकते हैं। इनका अधिक उपयोग आपके परिवार के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। फूड एडिटिव्स से मानव शरीर पर होने वाले नुकसान को लेकर डब्ल्यूएचओ और एफएओ यानी फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ऑफ यूनाइटेड नेशन भी आगाह कर चुके हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं
एडिटिव्स के कारण सबसे अधिक एलर्जी और फूड इनटॉलरेंस की संभावना बढ़ जाती है। कुछ एडिटिव्स, जैसे कि मोनोसोडियम ग्लूटामेट और सल्फाइट्स एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं, जिससे अस्थमा, एलर्जी, गैस और सूजन से पीड़ित लोगों में स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं। कुछ एडिटिव्स गैस और सूजन जैसी पाचन संबंधी गड़बड़ी का कारण भी बनते हैं। सोडियम नाइट्रेट और सोडियम नाइट्राइट जैसे एडिटिव्स कैंसर और अन्य बीमारियों के खतरे को भी बढ़ा सकते हैं।
उपाय भी जान लें
इंग्रेडिएंट लेबल को जरूर पढ़ें। सामान लेने से पहले उत्पादों की तुलना करें। कई प्रॉडक्ट कम फूड एडिटिव्स की मदद से बने होते हैं। मसालों में सिलिकॉन
डाइऑक्साइड या डेयरी उत्पादों में पॉलीसोर्बेट 80 जैसे एडिटिव्स के अज्ञात स्रोतों की पहचान करें। प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करने का प्रयास करें। कम
प्रोसेस्ड फल, सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स और एनिमल प्रॉडक्ट का चुनाव करें। साथ ही होम मेड फूड का इस्तेमाल ज्यादा करें। ताजे फल और सब्जियां से जैम, जूस और अन्य चीजें बनाने का प्रयास करें। कैन और प्रोसेस्ड फूड में एडिटिव्स की संभावना सबसे अधिक होती है, इसलिए इसके इस्तेमाल से बचें। ताजे खट्टे फलों या हर्ब का उपयोग करें। कुकीज को सजाने के लिए प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करें। रेड आइसिंग के लिए बीट रूट जूस या पाउडर और ग्रीन आइसिंग के लिए व्हीटग्रास जूस का उपयोग करें।
लेबल की जांच है जरूरी
एडिटिव्स और कंटैमिनैन्ट्स अक्सर तैयार या पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के तत्व होते हैं, जो प्रदूषण या कीटनाशकों के कारण गैरव्यावसायिक रूप से उगाए गए भोजन को भी दूषित कर सकते हैं। व्यावसायिक रूप से तैयार खाद्य पदार्थों में केवल उतनी मात्रा में ही एडिटिव्स मिलाए जा सकते हैं, जो प्रयोगशाला जांच में सुरक्षित पाए गए हों, हालांकि जोखिमों की तुलना में एडिटिव्स के लाभों को परखना अक्सर मुश्किल होता है। किसी भी प्रकार की खाने-पीने की चीजों को किचन में ले जाने से पहले उसके लेबल की जांच करें। साथ ही उसमें फूड एडिटिप्स हैं या नहीं, उसका स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ेगा, इसकी जांच करने के बाद ही उसका सेवन करें, जो कि एक जागरूक नागरिक की पहचान भी है।- डॉ. राजू जायसवाल जनरल फिजिशियन
स्रोत-रुपायन सेहत,अमर उजाल
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