एनजीटी ने मसूरी झील के व्यावसायिक प्रयोग पर लगाई रोक

मसूरी झील, (PC- holidify)
मसूरी झील, (PC- holidify)

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने होटलों द्वारा मसूरी झील से अवैध रूप से पानी निकालने पर नाराजगी जताई है और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) और जिला मजिस्ट्रेट को टैंकरों के माध्यम से व्यावसायिक उपयोग के लिए झील के पानी की आपूर्ति बंद करने का आदेश दिया है। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले झील से पानी की अनियमित निकासी के प्रतिकूल प्रभाव का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया था क्योंकि माना जा रहा था कि इससे प्राकृतिक जल चक्र और पर्यावरण प्रभावित हो सकता है । समिति द्वारा 19 जनवरी को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा कि धोबी घाट वॉटर स्प्रिंग से अवैध रूप से टैंकरों के जरिए होटलों में पानी की आपूर्ति की जा रही है। वही इस फैसले के खिलाफ नगर पालिका एनजीटी में पुनर्विचार याचिका के लिए अपील करने जा रही है।  

मसूरी झील मानव निर्मित है और नगरपालिका द्वारा इसका रखरखाव किया जाता है। झील को एक प्राकृतिक झरने से पानी मिलता है, जो धोबी घाट से होकर गुजरता है। यूपीसीबी के मुताबिक मसूरी में 282 होटल चल रहे हैं और इन होटलों पर एनजीटी ने पाया है कि झील के जलग्रहण क्षेत्र से अनाधिकृत रूप से पानी लिया जा रहा है जिसे सुधारने की खासी जरूरत है।  

एनजीटी ने कहा, 

"अगर निकासी को विनियमित नहीं किया गया, तो झील में जल स्तर कम हो जाएगा और निचले जल निकायों में प्रवाह बाधित हो जाएगा।"

एनजीटी ने  02 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड जल संस्थान के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। जिसमें एनडब्ल्यूए (नेशनल वेटलैंड अथॉरिटी), एसडब्ल्यूए (स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी), यूपीसीबी और डीएम शामिल थे। 

एनजीटी ने यूपीसीबी और डीएम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी निजी विक्रेता होटलों को आपूर्ति करने के लिए टैंकरों से पानी नहीं खरीदेगा और कोई भी उल्लंघन करता है तो उन्हें पर्यावरणीय मुआवजे को लागू करना होगा ।एनजीटी ने समिति को दो महीने के अंदर  एक विस्तृत प्रभावी अनुपालन रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया और अगली सुनवाई 3 अप्रैल को तय की गई है ।

एनजीटी के इस फैसले के बाद एसडीएम मसूरी की और से विभिन्न विभागों की बैठ बुलाई गई। इस बैठक में एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि  एनजीटी के आदेश का पूरी सख्ती से पालन किया जायेगा। मसूरी झील से पानी लेने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने जलसंस्थान को निर्देश दिए है कि शहर में पानी की समस्या से निपटने के लिए अन्य विकल्पों को भी ढूंढे और पेयजल निगम के अधिकारियों को हर हाल में 31 मार्च तक मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना को पूरा करने और लगातार उसकी समीक्षा करने के आदेश भी दिए है। वही इस मौके पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजकुमार चतुर्वेदी ने होटल व्यवसायियों को पानी की रिसाइकल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग का भी सुझाव दिया है साथ ही उन्होंने अधिकारियों को धोबीघाट का पानी 'डी' ग्रेड से 'बी'  ग्रेड में लाने के निर्देश भी दिए है। 

वही जहां एनजीटी के इस फैसले को लेकर मसूरी नगर पालिका एनजीटी में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी तो दूसरी तरफ मसूरी ट्रेड्स एसोसिएशन हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। जिसको लेकर मसूरी ट्रेड्स एसोसिएशन अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा

एनजीटी के इस आदेश के बाद होटल व्यवसाय पर इसका असर जरूर होगा इसीलिए हम हाई कोर्ट जाने पर भी विचार कर रहे है।           

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Post By: Shivendra
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