हाल के वर्षों में देश में बढ़ती जनसंख्या के साथ औद्योगिक कचरे और ठोस व्यर्थ पदार्थों से अलग गंदे पानी की मात्रा भी उसके प्रबंधन की क्षमता से कहीं अधिक बढ़ी है। प्राकृतिक जल स्रोतों तक उन्हें पहुँचाने के लिए घरेलू सीवर के जरिए तेज प्रयास किए जा रहे हैं।
जैव परिशोधन की अवधारणा
* जैव परिशोधन में जैव-रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए जीवाणु की प्राकृतिक गतिविधि का क्रमबद्ध इस्तेमाल शामिल है जिसके परिणामस्वरूप जैविक पदार्थ कार्बन डायऑक्साइड, पानी, नाइट्रोजन और सल्फेट में बदल जाता है।
* घरेलू नाली से बहने वाले पानी के परिशोधन के लिए बड़े पैमाने पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया में एक्टेवेटेड स्लज और ट्रिकलिंग फिल्टर विधि, ऑक्सीडेशन/अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब, एरेटेड लगून और एनेरोबिक परिशोधन विधि के विभिन्न संस्करण शामिल हैं।
* इसमें एक नई तकनीक अपफ्लो एनारोबिक स्लज ब्लैंकेट (यूएएसबी) है। कृषि, बागवानी और एक्वाकल्चर के जरिए नाली के पानी के पुनर्चक्रण का पारंपरिक तरीका मूलत: जैविक प्रक्रिया है जो कि कुछ देशों में प्रचलित है। कोलकाता के की भेरियों में नाली से मछली को खिलाने की परंपरा विश्व प्रसिद्ध है। इन प्रक्रियाओं में पूरा जोर नाली के पानी से पोषक तत्त्वों को निकालने पर होता है।
* इन प्रक्रियाओं से सीखने और नाली के पानी के परिशोधन के विभिन्न तरीकों में नए डाटाबेस से प्राप्त संकेतों के बाद घरेलू कचरे के परिशोधन के लिए मानक विधि के तौर पर एक्वाकल्चर विधि की सिफारिश की जाती है।
परिशोधन प्रक्रिया
एक्वाकल्चर के माध्यम से गंदे पानी के परिशोधन में सीवेज इनटेक प्रणाली, डकवीड कल्चर कॉम्प्लेक्स, सीवेज फेड फिश पॉन्ड, डीप्यूरेशन पॉन्ड और आउटलेट प्रणाली शामिल हैं।
* डकवीड कल्चर कॉम्पलेक्स में कई डकवीड तालाब होते हैं जहाँ जलीय मैक्रोफाइट जैसे स्पिरोडेला, वोल्फिया और लेमना पैदा किए जाते हैं। गंदे पानी को आगत प्रणाली के जरिये डकवीड कल्चर प्रणाली में पंप किया जाता है जहाँ इसे दो दिनों तक रखा जाता है, उसके बाद मछलियों के तालाबों में छोड़ा जाता है।
* 1 एमएलडी पानी के परिशोधन के लिए जो मॉडल तैयार किया गया है, उसमें 18 डकवीड तालाब होते हैं जिनका आकार 25 मीटर X 8 मीटर X 1 मीटर होता है जिन्हें तीन कतारों में बनाया जाता है, जिसके अनुसार पानी इन तीनों में से होता हुआ मछलियों के तालाब में प्रवाहित होता है।
* इस प्रणाली में 50 मीटर X 20 मीटर X 2 मीटर आकार के दो मछलियों के तालाब होते हैं तथा 40 मीटर X 20 मीटर X 2 मीटर आकार के दो डीप्यूरेशन तालाब होते हैं। इसमें ठोस सामग्री को निकालने के बाद जो पानी बचता है, वह आता है।
* आठ एमएलडी कचरे के परिशोधन के लिए भुवनेश्वर शहर के दो स्थानों पर बनाया गया परिशोधन तंत्र इस तरह से बना है कि वह बड़ी मात्रा में गंदे पानी को साफ कर सके।
* प्रभावी परिशोधन के लिए बीओडी का स्तर 100-150 एमजी प्रति लीटर है, इसलिए एक एनेरोबिक इकाई लगाना जरूरी है जहाँ जैविक भार और बीओडी का स्तर काफी ज्यादा हो।
* डकवीड कल्चर इकाई भारी धातुओं और अन्य रासायनिक अपशिष्ट को निकालने में मदद करती है, नहीं तो वे मछली के माध्यम से मनुष्य के भोजन चक्र का हिस्सा बन जाएंगे। ये पोषक तत्त्वों को पंप करने में भी सहायक होते हैं और अपनी प्रकाश संश्लेषक पक्रिया के द्वारा ऑक्सीजन भी उपलब्ध कराते हैं। पाँच दिनों के भीतर 100 एमजी प्रति लीटर गंदे पानी को बीओडी के पाँचवें स्तर से साफ किया जा सकता है, जिसमें अंत में बीओडी का स्तर 15-20 एमजी प्रति लीटर पर ले आया जाता है।
* सीवेज फेड प्रणालियों में उच्च उत्पादकता और धारण क्षमता का लाभ उठाते हुए मछलियों वाले तालाब में 3-4 टन कार्प प्रति हेक्टेयर का उत्पादन स्तर हासिल किया जा सकता है। इस प्रणाली में एक जैव परिशोधन तंत्र होता है जिसमें डकवीड और मछली के मामले में संसाधन बहाली की उच्च क्षमता होती है। इसकी प्रमुख सीमा यह होती है कि सर्दियों में परिशोधन की क्षमता कम हो जाती है। यह स्थिति उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले स्थानों के लिए भी होती है। 1 एमएलडी कचरे के परिशोधन के लिए एक हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ती है जो कामकाजी लागत को निकाल देता है और गंदे पानी के परिशोधन तथा ताजा पानी में उसके प्रवाह का आदर्श तरीका है।
1 एमएलडी परिशोधन क्षमता पर खर्च
क्रम संख्या |
सामग्री |
राशि (लाख में) |
I. |
व्यय |
|
क. |
स्थायी पूँजी |
|
1. |
बत्तख के लिए चारे के तालाब का निर्माण (0.4 हेक्टेयर) |
3.00 |
2. |
मछली के तालाब का निर्माण (0.2 हेक्टेयर) |
1.20 |
3. |
अशुद्धिकरण तालाब का निर्माण (0.1 हेक्टेयर) |
0.60 |
4. |
पाइप लाइन, गेट, प्रदूषक तत्वों का प्रवाह आदि |
5.00 |
5. |
पम्प और अन्य इंस्टॉलेशन, तालाब की लाइनिंग आदि |
5.00 |
6. |
जल विश्लेषण उपकरण |
1.00 |
|
कुल |
15.80 |
ख. |
परिचालन लागत |
|
1. |
मजदूर (प्रति महीना 2 लोगों के लिए 2000 रुपये) |
0.48 |
2. |
बिजली और ईंधन |
0.24 |
3. |
मछली के सीड पर लागत |
0.02 |
4. |
विविध व्यय |
0.10 |
|
कुल योग |
0.84 |
II. |
आय |
|
1. |
1000 किलोग्राम मछली की बिक्री 30 किलो के हिसाब से |
0.30 |
|
परिचालन लागत की वापसी की दर |
35% |
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