एक समय बिधिना का खेल


एक समय बिधिना का खेल। रहा उसर में चरत अकेल।।
एक बटोही हर हर कहा। ठाढ़े गिरा होस ना रहा।।


भावार्थ- एक गादर बैल कहता है कि ईश्वर की लीला तो देखो; एक बार मैं ऊसर में अकेला चर रहा था। एक आदमी ने ‘हर-हर’ कहा मैं उसे हल समझ कर बेहोश हो गया।

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Post By: tridmin
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