एक हजार वाटरलेस यूरिनल बनाए जाएंगे

कामनवेल्थ गेम्स के दौरान आपको लघुशंका के लिए बदबूदार यूरिनल्स में नहीं जाना पड़ेगा। चमचमाते यूरिनल्स नजर आएंगे और करोड़ों रुपये के पानी की बचत अलग होगी। यानी लुघशंका के बाद फ्लश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एमसीडी गेम्स से पहले विदेशों की तर्ज पर राजधानी में एक हजार वाटरलेस यूरिनल्स लगाने जा रही है। इस पर करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और रखरखाव का खर्चा निजी कंपनियां वहन करेंगी जिन्हें इसके बदले विज्ञापन लगाने का अधिकार दिया जाएगा।

एमसीडी के पास इस समय करीब चार हजार यूरिनल्स हैं जिनकी खस्ता हालत किसी से छिपी नहीं है। इनमें एक हजार यूरिनल्स को तोड़कर फिर से बनाया जाएगा। मौजूदा यूरिनल्स में पानी न होने से भी लोग इन्हें इस्तेमाल करने से बचते हैं लेकिन नए यूरिनल्स में पानी की भी जरूरत नहीं होगी। इस सिस्टम में मुख्य भाग एक कारट्रिज है जो कि सेरामिक सीट के भीतर लगाया जाता है।

इस कारट्रिज को जैविक सैलेट से भरा जाता है जो कि यूरिनल्स कक्ष व मल व्ययन प्रणाली के बीच रुकावट बनकर एक दूसरे को अलग करता है। पानी व वायु के संपर्क में न आने के कारण लघुशंका से किसी भी तरह की गैस नहीं बनती जिससे किसी तरह की बदबू भी पैदा नहीं होती।

लाभकारी परियोजना के अतिरिक्त उपायुक्त अमिय चंद्रा ने बताया कि एमसीडी वाटरलेस इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी करेगी तथा पांच साल के लिए इनका रखरखाव निजी कंपनी करेगी जिसके बदले तय साइज में विज्ञापन लगाने का अधिकार कंपनी को होगा। दो पॉट वाले यूरिनल्स दो सौ, चार पॉट वाले छह सौ और छह पॉट वाले दो सौ जगहों पर बनाए जाएंगे।

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