हरियाली संग स्वस्थ जीवनसूत्र को बढ़ावा
आधुनिक जीवनशैली, खाद्य पदार्थों में अस्वास्थ्य कर बदलाव और तनावपूर्ण जीवन में रहने के कारण आजकल इंसानों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं। इन सभी परिवर्तनों के बीच, एक ऐसा क्रम चल रहा है जहां स्वस्थ भोजन और पोषक तत्वों की उपलब्धता घट रही है। ऐसे में, पोषण वाटिका एक ऐसा विकल्प है जो यह सुनिश्चित करता है कि लोगों के समक्ष हरे-भरे और पोषक तत्वों से भरपूर प्राकृतिक आहार की उपलब्धता बनी रहे। भारतीय साहित्य में सदियों से पौधरोपण को महत्व मिला है। पोषण वाटिका भी इसी मार्ग पर चलती है और लोगों को प्राकृतिक पोषण के गुणों से लाभान्वित कराती है। इसे एक पत्रिका या गार्डन नहीं, बल्कि उचित स्वास्थ्य और खुशहाली का एक उपाय माना जाना चाहिए।
आजमगढ़ स्थित संजीवनी अस्पताल लक्षीरामपुर की डॉक्टर अर्चना मेसी की पहल से पोषण वाटिका का निर्माण हुआ है, जिसमें वे निकलने वाले वेस्ट थर्माकोल और किचन के जैविक कचरे का उपयोग करके सब्जियों को उगाती हैं। यह पहल बेहद सराहनीय है क्योंकि इससे न केवल पर्यावरण के लिए फायदे होंगे, बल्कि लोगों को स्वस्थ प्राकृतिक आहार की उपलब्धता भी मिलेगी।
आधुनिकीकरण के वजह से आज खाद्य पदार्थों में केमिकल्स की मात्रा बढ़ गई है और यही कारण है कि विभिन्न रोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसलिए ऐसे प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाते हैं जो लोगों को प्राकृतिक आहार की ओर प्रेरित करते हैं। पोषण वाटिका के माध्यम से डॉक्टर अर्चना मेसी ने इस मांग को पूरा करने के लिए एक प्रबल कदम उठाया है।
यह न केवल खाद्य पदार्थों की हुई ऊर्जा का उपयोग करने की एक अद्वितीय और साझेदारी-आधारित तकनीक है, बल्कि यह स्वच्छता, हरियाली, और भोजन सुरक्षा के प्रतीक के रूप में भी कार्य करता है। वेस्ट थर्माकोल से वनस्पतियों की खेती करने की आवश्यकता होने पर ध्यान देते हुए यह योजना विचाराधीन, सुस्थितिपूर्ण और समर्पित निर्माण की गई है।
पोषण वाटिका के साथ-साथ फूल, फल, और पॉलिटिकल पौधे भी उनकी चारों ओर उग रहे हैं, जो उनके गार्डन को एक आकर्षक और सजावटी बनाते हैं। यह एक बड़ी प्रेरणा है क्योंकि पोषण वाटिका के साथ संग्रहीत ये उदारता प्रदर्शन करते हैं कि वनस्पति के निष्कासित प्रेरक गुण न केवल मानवीय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी।
इन सभी पहलों का कारण यह सिद्ध होता है कि, दरअसल, हर एक विद्यालय, अस्पताल, और कॉर्पोरेट प्रतिष्ठान भी ऐसे पर्यावरण के अभ्यास को अपनाने के लिए प्रेरणा दे सकता है, जिससे लोग शानदार फसलें उगा सकें, अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें, और प्रकृति का संरक्षण करें। इस प्रकार, पोषण वाटिका के माध्यम से डॉक्टर अर्चना मेसी जी ने अपनी योजना को व्यापक रूप से प्रस्तुत किया है जो ऐसा संदेश देती है कि प्रकृति की योग्यता को बनाये रखने में उद्योगशीलता की जरूरत है। इससे चीजें न सिर्फ सुंदर होंगी, बल्कि हमारे स्वास्थ्य को भी मजबूती मिलेगी और पर्यावरण का संरक्षण होगा।
लेखक एरोनॉटिकल इंजीनियर, निराश्रित गौशाला संचालक एवं प्राकृतिक किसान हैं।
सोर्स -लोक सम्मान
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