सैकड़ों गांवों में है तकलीफ
लगभग सभी 13 विकासखंडों में फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या है। धार विकासखंड ऐसा है, जहां सबसे कम ग्राम पंचायतें और ग्राम प्रभावित हो रहे हैं। धार में ग्यासाबाद और उटावद ग्राम में ही यह समस्या है। यहां पर पानी में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 पीपीएम से भी अधिक मिल रही है। नालछा विकासखंड में सर्वाधिक ग्राम प्रभावित हैं। इसमें करमतलाई, सामरिया, कछाल, बांगरेड, गौमाल, जीरापुरा, ढाल, बेकलिया, दिग्ठान, कांकलपुरा, सुलीबयड़ी, पलासमाल, कुराड़िया, उमरपुरा, हेमाबयड़ी, बंधावा, अंबापुरा, भील तलवाडा, कोठी सोडपुर, उज्जैनी, रूपट्टा, पिपलीमाल, मेघापुरा, लोभानपुरा, बंजारी, किशनखोदरा, करोंदिया, रणगांव, रामगढ़, चार घाटी, करोंदिया कालीपुरा, गल्लामवड़ीपुरा, भूरी घाटी, शिकारपुरा, दुर्गापुरा, भुजियापुरा, भीलकुंडा, भड़किया, सेवरीमाल, आंवलिया, बियाघाटी, इमलीपुरा, पीर घाटीपुरा, अड़ा बयड़ापुरा, बेडि़यापुरा, भेरू घाटीपुरा, चीपखोदरा, हीरापुरा, झिडक्यापुरा, मेवास जामन्या व सराय क्षेत्र प्रभावित है।तिरला विकासखंड में सिंधुकुआं, चैलाई, पाडल्या, गोदघाट, गढ़, अड़वी, अम्बाकुंडीया, अम्बापुरा, गुवाड़ी, पर्वतपुरा, आमल्याभेरू, अंजनाई, बोड़ाकलां, कोठड़ा, सुलीबयड़ी, भुवावदा, देवीपुरा, सूरजपुरा, नाहर छज्जा, गंगानगर, रेहटिया, सांघी खुर्द, खांदनबुजुर्ग, बड़ी कलां, मोहनपुरा, नीमखेड़ा, बदलीपुरा खुर्द, नीनाखेड़ी व बड़ पीपली शामिल हैं।
सरदारपुर विकासखंड में जौलाना, बोदली, बोला, हनुमंतकाग, गोलीखेड़ा, टांडाखेड़ा, मेहगांव, एहमद, बड़वेली, पासवाड़ा, मोयाखेड़ा, खेमखेड़ी व लेडगांव शामिल हैं।
जबकि बदनावर विकासखंड के प्रभावित गांवों में शेरगढ़, बिड़वाल, किशनपुरा, बोरझडी, इंद्रावल, कड़ौदकलां, दत्तीगारा, कोद, चीराखान, खुंटपला व पडुनीकलां फ्लोराइड प्रभावित गांवों में शामिल हैं।
कुक्षी विकासखंड में अंजनी मल्हार, बड़ग्यार, डेहरी, डोई, कापसी, कावड़या खेड़ा, खरगोन, कुंदारा, रामपुरा, लोंगसरी, कुटेड़ी, टेकी आली, चिकला तालनपुर, कुर्दीपुरा, हल्दी, नैनगांव, उंडेली, लुन्हेरा, मगरदा, आंवली, गिरवान्या, लोहारा, रोजा, झारड़ा, जुगतलाई, नीमथल व मगरदा में फ्लोराइड की समस्या अधिक है।
बाग विकासखंड में बोरकुई, रिसावला, भूमिया, उकाला, खनिअम्बा, जाली, मुहाजा, कालीदेवी, अम्बासोटी, तोगनी, छतवानिया, करणपुरा, बराड़ा, बरदा टांडा, गुराड़िया, चामझर, पाडा बंदा, गयड़ी, काटी व गेटा में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से अधिक है।
निसरपुर विकासखंड में खंडवा, निम्बोल, मसान्या, सुलेगांव, लोहारी, बड़गांव, ताना, चिपराटा, देशवान्या, रसवा, ननोदा, धुलसर, अलोदा, सालाखेड़ा, कोलगांव, खरजना, लोणी, भरूड़पुरा, लिंगवा, दाहोद, भंवरिया, कटनेरा, रेट्टी व तलवाड़ा में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है।
डही विकासखंड में डही सहित भगवान्या, चिड़िया पीपल, पन्हाल, नलवान्या, कोटवा, शिदरी, अतरसुमा, नरझली, कांकरिया, गाजगोटा, रणगांव, फिफेड़ा, थांदला व पन्हाला में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है।
मनावर विकासखंड में डोंचा, बनेडि़या, बीड़ापुर, झाबड़ी, देदला, दसवी, बोरूद, सोंडुल, कलवानी, अजंदीमान, गोपालपुरा, जाटपुरा, अजंदीकोट, पिपलकोटा, सिंघाना, रणतालाब, भंसलवाड़, अंजनिया, डोंगरगांव, साला, जाटपुर, बलवारी खुर्द व टेमरनी शामिल हैं।
गंधवानी विकासखंड में बिल्दा, बारिया, कोटा, कोसदाना, बकतला, मलहेरा, गोदड़ापुरा, मुजाल्दा, रेहड़दा, धयड़ीया, खेड़ी बुजुर्ग, मोहनपुरा, साली, ग्वला मगरी, पिपल्दा, गंधवानी, खेड़ा, चाकडुंड, वीरपुर, मालगढ, कुंडी, सिरोंज, बड़ खुदरा, चुनपया, जीराबाद, घुरसल, करोदिया, अवल्दामान, खड़की, भमोरी, जहेदी, गोपालपुरा, भूतिया, जीरहन, धोला हनुमान, कोदी, होली बयड़ा, बिल्दारी, खोद, कुंडी, मोहापुरा, मोरीपुरा व सेंदला में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। इन गांवों के लोग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।
धरमपुरी विकासखंड में हीरापुर, वासवी, पिपल्याखुंट, पिपल्याकहीम, लोधीपुरा, कुंदा, कछवानिया, सरजपुर, इकलारा बुजुर्ग, कंधान्या, ढापला, कुसुमला, बगवान्या, चिकटयावड़, सनकोटा, दूधी, अहमदपुरा, डेहरिया, गुजरी, सिरसोदिया, भोदल, सेमल्दा, मेहगांव, बलवाड़ा, मोरगढ़ी, लुन्हेरा खुर्द, दहीवर, शाला, रामपुरा, डोंगरी दसोदा, रूपट्टा, खेड़वी, धेगदा, लोहारी, चंदवाड़ा, तारपुरा, उमरिया, अब्दुल्लापुरा, मतलबपुरा व अनुपपुरा बहादरा में पानी की समस्या है, जहां पर फ्लोराइड अधिक पाया जाता है।
उमरबन विकासखंड में भी फ्लोराइड की समस्या अधिक है। इसके अनेक गांव पानी के मामले में दिक्कत से जूझ रहे हैं। उमरबन में चौकी, भुवावदा, किशनपुरा खेड़ी, बेंचकुनवा, बोहरला, बंजारी सोंदुल, रालामंडल, बल्ड़ीपुरा बुजुर्ग, हनुमंत्या, दसाई, खैरवा, धानखेड़ी, भेमोरी, उपड़ी, कुवाड़, लवानी, हसनपुरा कालापानी, तिरवयड़ा, मिल्दा, उटावद, इशकपुरा खेड़ी, देवलारा, भेमोरी, महापुरा, जलखेड़ा, कच्छादर, सुलीबयड़ी, खरगोन, खैरवा जागीर, लवनी, प्रतापपुरा ढाब्या, रामाधामा, जामन्यापुरा खुर्द, पंजीरिया, निल्दा, उखल्दा, जामन्या मोटा, सालेपुर खेड़ी, टेढ़गांव, मोतकाना पुर, बगड़ी, जामन्या, धाबड़, करंदिया मोटा, बंजारी, फारसपुरा, उमरबनकलां, पिपल्या मोटा, बड़ीया, भमलावदा, मंडलावदा, आमसी, बीरमपुरा, डेडगांव, उमरबनखुर्द व पंडाला में फ्लोरोसिस की मात्रा अधिक है। ये सभी गांव की आबादी और उससे जुड़े हुए मोहल्ले, फलिए बेहद प्रभावित हैं।
13 विकासखंड में प्रभावित बसाहट
बदनावर व बाग में 32-32, डही में 67, धरमपुरी में 88, गंधवानी में 70, कुक्षी में 57, मनावर में 40, नालछा में 130, निसरपुर में 55, सरदारपुर में 53, तिरला में 46 व उमरबन में 116 बसाहटें फ्लोराइडयुक्त पानी से परेशान हैं। जबकि धार विकासखंड में केवल छह बसाहटें प्रभावित हैं।
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Post By: Shivendra