दो दिन पछुवाँ छः पुरवाई। गेहूँ जव को लेव दँवाई।।
ताको बाद ओसावै सोई। भूसा दाना अलगै होई।।
भावार्थ- पछुवा हवा में दो दिन और पुरवा में छः दिन गेहूँ एवं जौ की मड़ाई कर लेनी चाहिए। इसके बाद मड़ाई करने के बाद ओसाने से उसका भूसा और दाना अलग होता है।
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