देश में नई कृषि बीमा योजना शीघ्र : राधामोहन

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश के किसान बाढ, सूखे और फसली बीमारियों से बेहतर तरीके से निपट सकें इसके लिए केंद्र नई कृषि बीमा योजना पर काम कर रहा है। बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आए राधामोहन ने पत्रकारों को बताया कि केंद्र नई कृषि बीमा योजना पर काम कर रहा है जिसे शीघ्र ही पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को बाढ, सूखे और फसली बीमारियों से बचाव में सक्षम बनाना है।

मौजूदा कृषि बीमा योजना किसानों के लिए हितकारी साबित नहीं हुई है और उनकी सरकार नई कृषि बीमा योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नई कृषि बीमा योजना को लेकर केंद्र सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों से संपर्क साधेगी तथा उनके सुझावों को इस योजना में शामिल करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि नई कृषि बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी संसद में आम बजट पेश करने के समय दी जाएगी।

किसानों को बाढ, सूखे और फसली बीमारियों से बचाव में सक्षम बनाना है प्याज के दाम में वृद्धि के बारे में कृषि मंत्री ने कहा कि रिकार्ड उत्पादन तथा आपूर्ति में कोई बाधा नहीं है तो दाम नहीं बढ़ने चाहिए। उन्होंने जमाखोरी को प्याज के दाम में वृद्धि का कारण बातते हुए कहा केंद्र द्वारा सभी राज्य सरकारों को जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को कहा गया है। कृषि और किसान केंद्र सरकार की उच्च प्राथमिकता है और देश की मजबूती के लिए उनकी हालत में सुधार लाया जाना जरूरी है। हेल्थ कार्ड और प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना के साथ पशुधन में सुधार और उनके संरक्षण से जुडी एक योजना भी केंद्र के विचाराधीन है उन्होंने यहां बिहार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तथा अधिकारियों के साथ बैठक में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं को लागू करने में यह प्रदेश पीछे है। विभिन्न कृषि योजनाओं के लिए बिहार को 785.74 करोड रुपए आवंटित किए गए थे पर उसमें से मात्र 386.98 करोड रुपए ही खर्च किए गए जो कि कृषि के विकास के लिए बेहतर नहीं है। राधामोहन ने कहा कि उनके मंत्रालय ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मत्स्य अनुसंधान केंद्र की स्थापना तथा बेगूसराय या खगडिया जिला में मक्का उत्पादकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने को कहा है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ बिहार के गया, मुंगेर, सारण, और चंपारण जिलों में कृषि महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव है। राधामोहन ने कहा कि बिहार के समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित किए जाने में आ रही अड़चनों के बारे में वे पता लगाएंगे तथा आने वाले समय में बिहार के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और विभागीय अधिकारियों से बात करेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि यह प्रस्ताव पिछले पांच साल से अधर में है। इसे योजना आयोग द्वारा वर्ष 2009 में स्वीकृति के साथ ही मंजूरी दी गई थी पर उसके बाद कुछ भी नहीं जो कि इस प्रदेश के नुकसान है।

राधामोहन ने कहा कि सामान्य से कम वर्षा होने पर सुखे जैसी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र द्वारा देश के 500 जिलों के लिए बनाई गई आपात योजना में बिहार के सभी जिले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र के दौरान राजग सरकार पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने से संबंधित विधेयक पेश करेगी और उक्त विश्वविद्यालय का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा।

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Post By: pankajbagwan
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