डेढ़ वर्ष बाद आई सहस्त्रधारा के ट्रेंचिंग ग्राउंड की याद

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ट्रेंचिंग ग्राउंड विजिट करने पहुंचे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ट्रेंचिंग ग्राउंड विजिट करने पहुंचे।

देहरादून के फेमस टूरिस्ट स्पाॅट सहस्त्रधारा के पास डेढ़ साल पहले बंद किए गए ट्रेंचिंग ग्राउंड के कूड़े पर सरकार के डेढ़ वर्ष बाद सुध आई। रविवार को सीएम ने मेयर के साथ ट्रेंचिंग ग्राउंड का विजिट किया और यहां टूरिस्ट स्पाॅट डेवलेप करने का प्लान आफ एक्शन तैयार करने के डायरेक्शन दिए।

हालात देखने पहुंच गए सीएम

रविवार को शाम सवा चार बजे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मेयर सुनील उनियाल गामा के साथ ट्रेंचिंग ग्राउंड विजिट करने पहुंचे। करीब आधे घंटे के विजिट करने में उन्होंने अधिकारियों को कहा कि ट्रेंचिंग ग्राउंड में पर्यटन स्थल बनाया जाएगा। इसकी डीपीआर जल्दी तैयार की जाए, जिससे जल्द से जल्द काम शुरू हो सके। इस दौरान एमडीडीए और नगर निगम अधिकारी मौजूद रहे।

2017 में शिफ्ट हुआ था ट्रेंचिंग ग्राउंड

सहस्त्रधारा टेंचिंग ग्राउंड की कूड़े की बदबू से परेशान लोगों के विरोध के बाद वर्ष 2017 में ट्रेंचिंग ग्राउंड का शीशमबाड़ा शिफ्ट किया गया था। हालांकि जब ट्रेंचिंग ग्राउंड शिफ्ट किया जा रहा था, उस दौरान पछवादून के लोगों ने भारी विरोध किया था। शिलान्यास के दौरान पब्लिक और पुलिस आमने-सामने हो गई थी। निगम पीछे नहीं हटा और शीशमबाड़ा में ट्रेंचिंग ग्राउंड को शिफ्ट कर दिया।

स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ने की वजह बना

इस वर्ष स्वच्छ सर्वे में पिछड़ने के पीछे सहस्त्रधारा ट्रेंचिंग ग्राउंड भी जिम्मेदार है। केन्द्र से सर्वे करने आई टीम पुराने ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुची तो निगम की ओर से कूड़ा का निस्तारण नहीं किया गया था। सर्वे में यह माइनस प्वाइंट काउंट हो गया। इसके अलावा शहर के अंडरग्राउंड डस्टबिन, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, वार्डों को खुले से शौच मुक्त करना, स्वच्छ एप डाउनलोड, आम पब्लिक को जागरूक करने को लेकर सर्वे किया गया था, लेकिन कोई भी प्वाइंट मानकों में फिट नहीं बैठा। जिसके चलते चौथे सर्वेक्षण में भी दून पीछे रह गया। मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा, सहस्त्रधारा ट्रेंचिंग ग्राउंड का सीएम ने निरीक्षण किया है। ट्रेंचिंग ग्राउंड में पर्यटन स्थल बनाया जाएगा। जिसकी अधिकारियों को डीपीआर तैयार करने को कहा गया है।

सौंग नदी पर काम शुरू होगा

सौंग नदी पर प्रस्तावित बांध का काम इस साल के अंत तक शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि बांध को बनाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से जरूरी एनओसी मिल गई है, एक एनओसी मिलनी बाकी रह गई है। इस वर्ष के अंत तक बांध का टेंडर जारी कर काम शुरू किया जाएगा। प्रदेश की नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए रिस्पना नदी के किनारे लगाए गए पौधों का निरीक्षण किया गया है।

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