सतत विकास और नवाचार के युग में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ई-मोबिलिटी सेक्टर एक बदलाव लेकर आया है। अब पुराने डीजल/पेट्रोल इंजन की जगह अब इलेक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल होने लगे हैं। पर्यावरण को लेकर जागरूकता और सस्ते होते इलेक्ट्रिक वाहनों की वजह से अब इस क्षेत्र में करियर के नए अवसर खुले हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है। भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन कार्यरत इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल्स काउंसिल ऑफ इंडिया ईएसएससीआई द्वारा विशेष तौर पर दो क्षेत्र बैटरी सेगमेंट और मोटर एंड कंट्रोलर सेगमेंट में कोर्सेज तैयार किए गए हैं। आइए इस लेख में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र की स्थिति, करियर की संभावना और ईएसएससीआई द्वारा चलाए जा रहे कोर्सेज के बारे में जानते हैं:
ई-मोबिलिटी क्रांति
ई-मोबिलिटी क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण, चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और बैटरी प्रौद्योगिकी और इस्तेमाल के बाद मरम्मत कार्य शामिल है। बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लगातार अलग-अलग कदम उठाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता और तकनीक को अपग्रेड किया जा रहा है। इसकी वजह से देशभर में इस क्षेत्र में स्किल्ड लोगों की जरूरत पड़ रही है। इसकी वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल्स काउंसिल ने इस क्षेत्र के लिए छह कोर्सेज डिजाइन किए हैं।
ईएसएससीआई की भूमिका
तेजी से विकसित हो रहे ई-मोबिलिटी क्षेत्र में कुशल लोगों की कमी को देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन कार्यरत ईएसएससीआई विभिन्न ट्रेनिंग पार्टनर के जरिये युवाओं को प्रशिक्षित कर इंडस्ट्री के लिए तैयार कर रहा है। विभिन्न इंडस्ट्री पार्टनर के साथ मिलकर ई-मोबिलिटी सेक्टर के लिए करिकुलम डिजाइन किए गए हैं। ईएसएससीआई युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर दे रहा है और इंडस्ट्री को कुशल कार्यबल उपलब्ध कराने में मदद भी कर रहा है।
ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में करियर
ई-मोबिलिटी सेक्टर युवाओं के लिए अवसरों से भरा हुआ है, बस जरूरत है सही प्रशिक्षण की। इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में प्रमुख कोर्सेज इस प्रकार हैं:
- बैटरी सिस्टम डिजाइन इंजीनियरः बैटरी सिस्टम डिजाइन इंजीनियर ई-मोबिलिटी क्षेत्र में सबसे प्रमुख हैं। वे इलेक्ट्रिक वाहनों को शक्ति देने वाली बैटरी प्रणालियों की अवधारणा, डिजाइन और उसे सही फिट करने लिए जिम्मेदार हैं। ये इंजीनियर बैटरी की ऊर्जा घनत्व और उसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए काम करते हैं।
- बैटरी सिस्टम असेंबली ऑपरेटर: बैटरी सिस्टम असेंबली ऑपरेटर कुशल कारीगर हैं। जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी पैक बनाने का काम करते हैं। बैटरी के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इसे तैयार किया जाता है, ताकि आसानी से जरूरत पड़ने पर इसे निकाला जा सके।
- बैटरी सिस्टम मरम्मत तकनीशियन:बैटरी सिस्टम मरम्मत तकनीशियन ई-मोबिलिटी क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कि इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के बाद तकनीकी खराबी आने पर काम करते हैं। बैटरी की क्षमता और तकनीक अनुसार उसकी मरम्मत कर उसे दोबारा वाहन में लगाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि वाहन में किसी तरह की परेशानी न हो।
- मोटर एंड कंट्रोलर डिजाइन इंजीनियर:इलेक्ट्रिक वाहन का सबसे महत्वपूर्ण भाग मोटर, कंट्रोलर और उसमें पावर ट्रांसमिशन नियंत्रण प्रणाली में सामंजस्य बैठाते हैं। उसे डिजाइन करते हैं और परीक्षण के बाद उस डिजाइन को मार्केट के लिए तैयार करते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर असेंबली ऑपरेटर: इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर असेंबली ऑपरेटर एक इलेक्ट्रिक वाहन के विभिन्न उपकरणों के अंदर इलेक्ट्रॉनिक घटक को स्थापित करते है। इसके साथ ही, वह ब्लूप्रिंट और स्पेसिफिकेशन सीट की समीक्षा करते हैं और इलेक्ट्रॉनिक भाग का निरीक्षण करता हैं।
- मोटर और नियंत्रक मरम्मत तकनीशियन:ईवी मोटर्स और नियंत्रक सेवा तकनीशियन एक इलेक्ट्रिक वाहन में सर्विसिंग और मरम्मत का काम करता है।
सफलता के लिए कौशल
ई-मोबिलिटी क्षेत्र प्रौद्योगिकी और नवाचार से भरा हुआ है। इस क्षेत्र में सफल होने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। ताकि इस क्षेत्र में बढ़ते जाए
तकनीकी दक्षता:
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, बैटरी प्रौद्योगिकी या संबंधित क्षेत्रों में मजबूत तकनीकी कौशल विकसित करें।
अपडेट रहना:
इस क्षेत्र में नवाचार की वजह से तकनीकी तौर पर हर दिन कुछ न कुछ अपडेट हो रहा है, ऐसे में इस सेक्टर में कार्यरत लोगों के लिए आवश्यक है कि वह अपने को अपडेट रखें।
सतत जागरूकताः
परिवहन से पर्यावरण पर होने वाले प्रभाव और जलवायु परिवर्तन पर होने वाले प्रभाव को लेकर समझ हो ।
समस्या का समाधान:
इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी प्रणालियों में आई समस्याओं को हल करने में सक्षम हों, जरूरत पड़ने पर कुछ नया सोचें।
संचार और आपसी तालमेलः
यह क्षेत्र कई विषयों के जानकारों से मिलकर बना हुआ है, ऐसे में जरूरी है कि आप आपस में टीमवर्क के साथ काम करें, दूसरे सहयोगियों से बातचीत करें।
भविष्य की संभावनाएं
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार में बढ़ोतरी की संभावना है और 2022 से 2030 के बीच 49 प्रतिशत अनुमानित वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) अनुमानित है। बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2030 तक एक करोड़ से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की संभावना है। जिसकी वजह से इस क्षेत्र में पांच करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर आने की संभावना है। इसमें कुशल लोगों की अधिक आवश्यकता होगी। इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों को औसतन पांच से सात लाख और अनुभवी पेशेवरों को 7 से 12 लाख रुपये तक की सैलरी मिल सकती है।
निष्कर्ष
जैसे-जैसे ईवी उद्योग तेजी से बढ़ेगा। रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। सही प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति ही इसका लाभ उठा सकेगा। हीरो इलेक्ट्रिक, टाटा मोटर्स, एथर एनर्जी, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, लोहिया ऑटो, ट्वेंटीटू मोटर्स, बीवाईडी ओलेक्ट्रा, हुंडई कोना इलेक्ट्रिक, अशोक लीलैंड, एमजी मोटर सहित कुछ प्रमुख ईवी मैन्युफैक्चरर्स हैं, जो कुशल पेशेवरों की तलाश कर रहे हैं और हायरिंग कर रहे हैं।
स्रोत :- अमर उजाला उडान
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