चौथ अन्हरिया सावन माहीं, जौ महि पर मेघा बरसाहीं।
लै पैंतालिस दिन घन बरसै, साख सवाई हो मन हरसै।।
शब्दार्थ- महि-पृथ्वी। साख-बढ़न्त।
भावार्थ- यदि श्रावण मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को पृथ्वी पर बादल बरसते हैं तो पैतालिस दिनों तक बरसात होगी और प्रफुल्लित करने वाली सवाई फसल पैदा होगी।
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