चाकर चोर राज बेपीर।
कहै घाघ का धारी धीर।।
शब्दार्थ- चाकर-नौकर।
भावार्थ- यदि नौकर चोर हो और राजा निर्दयी हो, तो घाघ कहते हैं कि ऐसी स्थिति में धीरज धारण करना कठिन है।
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