चैत मास उजियाले पाख


चैत मास उजियाले पाख, आठें दिवस बरसत राख।
नव बरसे जित बिजली जोय, ता दिसि काल हलाहल होय।।


भावार्थ- यदि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को धूल उड़े और नवमी को पानी बरसे तो जिस दिशा में बिजली चमकी, समझो उस दिशा में अकाल पड़ने वाला है।

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Post By: tridmin
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