बुरहानपुर : देश का पहला 'हर घर जल' सर्टिफाइड ज़िला

दूर-दराज़ इलाकों की महिलाओं को सदियों पुरानी मजबूरी से मिली मुक्ति,Pc-जल जीवन संवाद
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मध्य प्रदेश में दक्षिण का दरवाजा' कहे जाने वाला बुरहानपुर देश का पहला 'हर घर जल' सर्टिफाइड ज़िला बना। 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के समय बुरहानपुर में कुल 1.01 लाख परिवारों में से केवल 37, 241 ग्रामीण परिवारों (36.54%) की पीने योग्य पेयजल तक पहुंच थी। कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान, बुरहानपुर जिला प्रशासन द्वारा किए गए निरंतर कार्य के फलस्वरूप 34 महीने की अवधि के भीतर इसके सभी 1.01 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यात्मक नल के पानी के कनेक्शन प्राप्त हो गए हैं। इसके अलावा, सभी 640 स्कूलों, 547 आंगनवाड़ी केंद्रों और 440 सार्वजनिक संस्थाओं में भी पीने योग्य पानी सुलभ है। 440 सार्वजनिक संस्थाओं में 167 ग्राम पंचायतें, 50 स्वास्थ्य देखरेख केंद्र, 109 सामुदायिक केंद्र, 45 आश्रमशाला, 2 सामुदायिक शौचालय और 67 सरकारी कार्यालय शामिल हैं।

बुरहानपुर देश का पहला जिला है जहां सभी 254 गांवों के लोगों ने ग्राम सभा में एक संकल्प पारित किया है और सर्टिफ़ाई, यानि सत्यापित किया है कि सभी लोगों को नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है। सर्टिफ़िकेशन, यानि सत्यापन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें समुदाय आगे आता है और यह पुष्टि करता है कि सभी परिवारों में यहां तक कि बसावट के अंतिम छोर पर भी नियमित रूप से पानी की आपूर्ति हो रही है जिससे कोई भी वंचित नहीं' सुनिश्चित हो रहा है। इसने प्रशासन को जल आपूर्ति प्रणाली पर फिर से विचार करने और यह सुनिश्चित करने का भी अवसर प्रदान किया कि सभी को कवर किया गया है और यदि ग्राम सभा की बैठक के दौरान कोई चिंता व्यक्त की जाती है, तो 'हर घर जल' प्रमाणित घोषित करने से पहले उसका समाधान किया जा सकता है।

सर्टिफाइड के प्रोटोकॉल को राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा विस्तृत किया गया है। सबसे पहले फील्ड इंजीनियर ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत को जलापूर्ति योजना के संबंध में पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे। समुदाय इस बात की पुष्टि करेगा कि प्रत्येक घर को प्रतिदिन निर्धारित गुणवत्ता वाले पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है दूसरे पीएचईडी अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि गांव में वितरण पाइप लाइन से कोई रिसाव न हो, पानी की पाइप लाइन डालने के लिए खोदी गई सभी सड़कों को जलापूर्ति कार्य पूरा होने पर बहाल कर दिया जाए। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है। ग्राम सभा संकल्प और वीडियो के साथ प्रमाण पत्र जेजेएम आईएमआईएस, जो सार्वजनिक डोमेन में है, में अपलोड किया जाता है। तत्पश्चात गांव की समस्त जलापूर्ति व्यवस्था पंचायत एवं समुदाय को सौंप दी जायेगी क्योंकि वे ही जलापूर्ति व्यवस्था के अंतिम संरक्षक हैं।

सभी 254 गांवों में पानी समितियों, अर्थात ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) का गठन किया गया है। वीडब्ल्यूएससी 'हर घर जल' कार्यक्रम के तहत विकसित जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के संचालन, रखरखाव और मरम्मत के लिए जिम्मेदार है। यह वह उप-समिति है जिसके पास उस उपयोगकर्ता प्रभार का संग्रह करने की भी जिम्मेदारी होगी जिसे बैंक खाते में जमा किया जाएगा और पंप संचालक के वेतन का भुगतान करने और समय- समय पर मामूली मरम्मत कार्य करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा।

अब तक, देश में 111 जिलों, 1,266 ब्लॉकों, 75,007 ग्राम पंचायतों और 1,57,053 गांवों के हर घर जल' बनने की खबर है। तीन राज्यों गोवा, तेलंगाना और हरियाणा और तीन संघ राज्य क्षेत्रों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव और पुडुचेरी ने 100% नल जल कवरेज की व्यवस्था की है। अब, राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों पर नल के पानी की आपूर्ति वाले 100% परिवारों की सूचना वाले इन सभी गांवों के सर्टिफिकेशन के लिए अभियान मोड के माध्यम से ग्राम सभा आयोजित करने के लिए जोर दिया जाता है।

स्रोत - जल जीवन संवाद,अंक 23 अगस्त 2022

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Post By: Shivendra
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