चण्डीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुड़गाँव में कम्पनियों की ओर से प्रोजेक्ट के लिए अवैध रूप से भूजल के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सख्त रुख अख्तियार किया। इस दौरान हुडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिए कि इस मामले में भूमि से जल निकालने के लिए ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट न दिया जाए।
इस मामले में अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी। कोर्ट ने कहा कि जल बचाव के लिए और कौन सी पॉलिसी बनाई है। स्थाई रूप से जल बचाव के लिए जो पाइप लाइन बिछाने का काम था। वह अभी तक क्यों पूरा नहीं पाया है। गौर है कि 22 दिसम्बर को हुई सुनवाई के दौरान भूजल का गलत इस्तेमाल होने पर हरियाणा सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा था।
काबिलेगौर है कि मामले में इससे पूर्व याची की ओर से लगातार गुड़गाँव में अवैध रूप से हो रहे भूजल के उपयोग के बारे में हाईकोर्ट को सूचित किया जा रहा था। इसी कड़ी में याची द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया जिसमें दिखाया गया कि किस प्रकार अवैध रूप से भूजल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी सीडी भी हाईकोर्ट में सौंपी गई थी।
इस मामले में अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी। कोर्ट ने कहा कि जल बचाव के लिए और कौन सी पॉलिसी बनाई है। स्थाई रूप से जल बचाव के लिए जो पाइप लाइन बिछाने का काम था। वह अभी तक क्यों पूरा नहीं पाया है। गौर है कि 22 दिसम्बर को हुई सुनवाई के दौरान भूजल का गलत इस्तेमाल होने पर हरियाणा सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा था।
काबिलेगौर है कि मामले में इससे पूर्व याची की ओर से लगातार गुड़गाँव में अवैध रूप से हो रहे भूजल के उपयोग के बारे में हाईकोर्ट को सूचित किया जा रहा था। इसी कड़ी में याची द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया जिसमें दिखाया गया कि किस प्रकार अवैध रूप से भूजल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी सीडी भी हाईकोर्ट में सौंपी गई थी।
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Post By: Shivendra