भोर समै डरडम्बरा, रात उजेरी होय।
दुपहरिया सूरज तपै, दुरभिछ तेऊ जोय।।
शब्दार्थ- डरडम्बरा – आकाश में बादल
भावार्थ- यदि सुबह आसमान में बादल हों और रात्रि में आसमान स्वच्छ हो औऱ दोपहर में सूर्य तपे अर्थात कड़ी धूप हो तो निश्चय ही अकाल पड़ने वाला है।
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