भारत सरकार के एक दस्तावेज में कहा गया है कि मौजूद प्रणालियों को सुदृढ़ करने के साथ-साथ सिंचाई सुविधाओं का विस्तार खाद्यान उत्पादन बढ़ाने की रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। सिंचाई सुविधा के प्रणालीबद्ध विकास के साथ बड़ी मध्यम और छोटी सिंचाई परियोजनाओं की कुल क्षमता 1951 में 22.6 मिलियन हेक्टेयर (एम.एच.ए.) से बढ़कर वर्ष 2004-05 के अंत तक लगभग 98.84 मिलियन हेक्टेयर हो गयी है। इसमें 2000 में 10,000 हेक्टेयर के बीच के क्षेत्र मध्यम परियोजना और 10,000 हेक्टेयर से ऊपर के क्षेत्र बड़ी परियोजनाओं के अंतर्गत आते है।
दसवींयोजना की शुरुआत में 162 बड़ी परियोजनायें थी जिन पर कुल व्यय 140968.79 करोड़ रुपये अनुमानित था, जबकि 221 मध्यम परियोजनाओं पर 12768.77 करोड़ रुपये व्यय तथा 85 विस्तार नवीनीकरण और आधुनिकीकरण परियोजनाओं पर 21256.50 करोड़ रुपये कुल व्यय होने का अनुमान था।
सिंचाई क्षेत्र
दसवींयोजना की शुरुआत में 162 बड़ी परियोजनायें थी जिन पर कुल व्यय 140968.79 करोड़ रुपये अनुमानित था, जबकि 221 मध्यम परियोजनाओं पर 12768.77 करोड़ रुपये व्यय तथा 85 विस्तार नवीनीकरण और आधुनिकीकरण परियोजनाओं पर 21256.50 करोड़ रुपये कुल व्यय होने का अनुमान था।
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